कोरोना से कोचिंग इंस्टीट्यूट को 40 प्रतिशत का नुकसान

क्लास शुरू करने की गुहार कोरोना से कोचिंग इंस्टीट्यूट को 40 प्रतिशत का नुकसान

Tejinder Singh
Update: 2021-10-10 12:40 GMT
कोरोना से कोचिंग इंस्टीट्यूट को 40 प्रतिशत का नुकसान

डिजिटल डेस्क, नागपुर। लॉकडाउन में छूट देते हुए शहर में 8वीं से 12वीं और ग्रामीण में 5वीं से 12वीं तक के स्कूल खोल दिए गए हैं।  हालांकि पिछले करीब 2 साल से नागपुर के सभी कोचिंग इंस्टीट्यूट बंद हैं। इससे काेचिंग इंस्टीट्यूट के क्षेत्र को 40 प्रतिशत का नुकसान हुआ है।   इसको लेकर एसोसिएशन ऑफ कोचिंग इंस्टीट्यूट ने प्रशासन से कोचिंग क्लासेस शुरू करने की गुहार लगाई है। इसको लेकर सरकार को स्पष्ट रुख अपनाने की बात एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने पत्र परिषद में की।

कई जिलों में है अनुमति : 8 अगस्त 2021 को पालकमंत्री नितीन राऊत के सहयोग से 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ कोचिंग शुरू करने की अनुमति दी गई, लेकिन 4-5 दिन बाद फिर से बंद कर दिया गया। अब 8वीं से 12वीं तक के स्कूल शुरू हो गए हैं। कोचिंग में भी 8वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों को ही पढ़ाया जाता है। इन विद्यार्थियों को जेईई, नीट, लॉ, सीए और अन्य परीक्षाओं की तैयारी करवाई जाती है। एसोसिसएशन ऑफ कोचिंग इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष रजनीकातं बोंद्रे ने बताया कि महाराष्ट्र को छोड़ कर लगभग सभी राज्यों में कोचिंग हब कोटा में भी कोचिंग शुरू करने की अनुमति मिल गई है। महाराष्ट्र के कई जिलों में भी अनुमति मिली है। 

जनवरी में जेईई की परीक्षा : नागपुर में अनुमति नहीं मिलने से यहां के विद्यार्थी प्रतियोगी परीक्षाओं में पीछे रह जाएंगे। जनवरी में जेईई के फर्स्ट राउंड की परीक्षा है। उसके लिए भी बहुत कम समय बचा है। ऑनलाइन मोड में विद्यार्थियों को कई परेशानियां आती हैं। इसको ध्यान में रखते हुए प्रशासन को कोचिंग क्लासेस शुरू करने के विषय में जल्द निर्णय लेने की मांग की गई है। पत्र परिषद में पेट्रन नरेंद्र वानखेड़े, उपाध्यक्ष सूरज अय्यर, सचिव जयवंत गणवीर और सह सचिव विराग मितकरी उपस्थित थे। 

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