महिलाओं की मौत की अनुग्रह राशि की बंदरबांट कर रहे सचिव 

महिलाओं की मौत की अनुग्रह राशि की बंदरबांट कर रहे सचिव 

Bhaskar Hindi
Update: 2020-01-08 09:27 GMT
महिलाओं की मौत की अनुग्रह राशि की बंदरबांट कर रहे सचिव 

 किसी की पत्नी की मौत हुई - किसी और के खाते में डाल दी राशि
डिजिटल डेस्क कटनी ।
दुनिया को अलविदा कह चुकी महिला की अनुग्रह राशि में बंदरबांट की कहानी का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। कटनी जनपद पंचायत के पिलौंजी ग्राम पंचायत में बिचौलियों ने इस तरह से पटकथा लिखी कि पत्नी मंगो बाई की मौत के बाद एक वर्ष तक पति पूरन आदिवासी राशि का इंतजार करता रहा और पीडि़त की राशि उसी नाम के पिपरहटा निवासी पूरन आदिवासी के खाते में जमा हो गई। इसके बाद बैंक से एक लाख रुपए का आहरण कर सचिव और अन्य दो ग्रामीणों ने बंदरबांट कर लिया। जनपद पंचायत अध्यक्ष से  शिकायत होते ही हडक़म्प मच गया। इस गोलमाल में बैंक की भी संदिग्ध भूमिका बताई जा रही है।
एक नजर में पूरा मामला
एक वर्ष पहले पिलौंजी के आदिवासी मोहल्ला में रहने वाले पूरन पिता अ_ी की पत्नी की प्रसव के दौरान मौत हो गई थी। जिस पर पूरन ने अनुग्रह सहायता राशि के लिए आवेदन दिया। इसके आवेदन में कार्यवाही की प्रक्रिया चालू थी कि  पिपरहटा गांव में भी इसी नाम से निवासरत पूरन पिता दुल्लू की पत्नी की भी असमय मौत हो गई। पिलौंजी के पूरन को मिलने वाली राशि के लिए पिपरहटा के पूरन के खाते में पहुंच गई। मजेदार बात यह है कि बैंक से राशि का आहरण पिलौंजी के पूरन के खाते से किया गया।
ऐसे हुआ खुलासा
सोमवार को पिलौंजी का पूरन आदिवासी बैंक से रुपए निकालने के लिए आया। यहां जब उसने पास बुक दी तो उसके खाते से करीब एक लाख रुपए की निकासी की जानकारी बैंक द्वारा दर्ज की गई। यहां पर जब पीडि़त ने कहा कि उसे अभी तक अनुग्रह सहायता राशि के रुप में एक रुपए भी नहीं मिला है। आपत्ति भी जताने पर भी उसकी नहीं सुनी गई। तब उसने मंगलवार को यह बात गांव के अन्य जागरुक लोगों को बताई।
तीन लोगों की भूमिका
इस मामले में तीन लोगों के नाम सामने आए हैं। खाते में दर्ज जानकारी अनुसार पिलौंजी निवासी पूरन आदिवासी के खाते से 20 और 23 दिसम्बर को
50-50 हजार रुपए की राशि निकाली गई है। यह राशि पिलौंजी के पूरन को नहीं मिली। पिपरहटा के पूरन आदिवासी को भी पूरी राशि सचिव ने नहीं दी। इसमें ग्राम पंचायत में एक बिचौलिये ने भी अपने हिस्से की राशि ली। साथ ही थोड़ी बहुत राशि पिपरहटा के पूरन आदिवासी को दी।
इनका कहना है
 इसमें मेरी किसी तरह से गलती नहीं है। इसी पंचायत में दो लोग पूरन आदिवासी नाम के रहे। ग्रामीणों ने बताया था कि यह राशि पिपरहटा निवासी पूरन आदिवासी की है। जिसके बाद उसके खाते में राशि जमा कराई गई। यह सही बात है कि यह राशि पिलौंजी निवासी पूरन आदिवासी की रही। इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को दी चा चुकी है। आगे उन्हें निर्णय लेना है।
- सुखदेव मिश्रा, सचिव ग्राम पंचायत पिलौंजी
 जनपद पंचायत से जो राशि स्वीकृत हुई थी। वह राशि पिलौंजी निवासी पूरन आदिवासी की रही। इसके बावजूद सचिव ने यह राशि पिपरहटा निवासी पूरन आदिवासी के खाते में जमा करा दी। जनपद के अधिकारियों को अवगत कराया गया है।
- मनोज अवस्थी, सहा.सचिव ग्राम पंचायत पिलौंजी
 

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