चलन से बाहर हो चुके 10 लाख के पुराने नोट जब्त, मामला दर्ज

चलन से बाहर हो चुके 10 लाख के पुराने नोट जब्त, मामला दर्ज

Anita Peddulwar
Update: 2018-03-01 08:59 GMT
चलन से बाहर हो चुके 10 लाख के पुराने नोट जब्त, मामला दर्ज

डिजिटल डेस्क, अकोला। चलन में बंद 10 के  पुराने नोट पुलिस ने जब्त किए हैं।  कुछ युवक पुराने नोट लेकर आने की  जानकारी शहर उपविभागीय अधिकारी उमेश माने पाटील को मिली थी।  इसी के आधार पर दल ने छापामार कार्रवाई करते हुए चलन में बंद हो चुके 1 हजार नोट के 10 बंडल जिसकी कीमत 10 लाख रूपए तथा 60 हजार रूपए की दुपहिया वाहन जब्त कर लिया। इस मामले पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ खदान पुलिस थाने में अपराध दर्ज किया है। यह कार्रवाई बुधवार की रात 12 बजे के दौरान अंजाम दी गई। 

गुप्त जानकारी मिली
पुराने नोट को सरकार ने नवंबर  2016 में बंद कर इन्हें बदलने के लिए 45 दिन का समय दिया था वहीं कुछ दिनों के बाद नोटों बदलने की सीमित  संख्या ४ हजार रूपए कर दी गई थी। लेकिन लोगों को पास काफी बड़ी संख्या में पुराने नोट होने के कारण वह बदल नहीं पाए। जिससे या तो लोगों ने नोटों को जला दिए या फिर उन्हें अपने पास ही रखा  है। इसी बीच शहर उपविभागीय अधिकारी द्वारा गठित विशेष दल प्रमुख तुषार नेवारे को गुप्त जानकारी मिली कि कुछ लोग पुराने नोट लेकर राजमार्ग क्रमांक 6 पर स्थित महाकाली रेस्टारेंट के पास आ रहे है। जिससे उन्होंने इस बात की जानकारी शहर उपविभागीय अधिकारी उमेश माने पाटील को दी। उन्होंने दल को तत्काल कार्रवाई करने के आदेश देते हुए जिला पुलिस अधीक्षक एम.राकेश कलासागर, अपर पुलिस अधीक्षक विजयकांत सागर को जानकारी दी।

बाइक सहित पकड़ाए आरोपी
दल में शामिल पीएसआई तुषार नेवारे ने  शेर अली, संतोष गवई, राजू वाकोडे, मनोज ठोसर, राज चंदेल, विनय जाधव, प्रेम कश्यप के साथ जाल बिछाया।  इसी बीच मुखबिर द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर दल ने दुपहिया वाहन क्रमांक एम.एच30  एक्यू 1104 पर आए शिवणी निवासी 40  वर्षीय सतीश महादेव तायडे को हिरासत में लेकर वाहन की जांच करने पर उसमें 1000 कीमत के पुराने नोट 10 बंडल जिसकी कीमत 10 लाख रूपए तथा 60 हजार की  दुपहिया वाहन समेत10 लाख 60 हजार रूपए का माल जब्त कर लिया।  पुलिस पूछताछ में मुख्य आरोपी के साथी आशीष पांडे, अलोक जोशी, पार्थ लोंढे को गिरफ्तार कर लिया। सभी आरोपियों के खिलाफ खदान पुलिस थाने में धारा 7 के तहत अपराध दर्ज कर कार्रवाई की जानकारी आयकर विभाग तथा आरबीआई को दी। 

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