192 करोड़ की लागत से बिछेगी सीवर लाइन मानपुर रोड में मुडऩा के पास लगेगा एसटीपी

टेंडर प्रक्रिया हो चुकी पूरी, जल्द तय होगा ठेकेदार, शुरू किया जाएगा डोर टू डोर सर्वे 192 करोड़ की लागत से बिछेगी सीवर लाइन मानपुर रोड में मुडऩा के पास लगेगा एसटीपी

Bhaskar Hindi
Update: 2021-10-23 09:53 GMT
192 करोड़ की लागत से बिछेगी सीवर लाइन मानपुर रोड में मुडऩा के पास लगेगा एसटीपी

डिजिटल डेस्क शहडोल । नगर में सीवर लाइन बिछाने का काम शुरू होने वाला है। इसके लिए भोपाल स्तर से टेंडर खुल चुका है और जल्द ही ठेकेदार तय हो जाएगा। 192.82 करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट का पूरा काम मप्र अर्बन डेवलपमेंट कंपनी (एमपीयूडीसी) देखेगी। एमपीयूडीसी के प्रोजेक्ट मैनेजर का कार्यालय शहर में शुरू हो चुका है। जल्द ही डोर टू डोर का सर्वे शुरू होगा।    सीवेज नेटवर्क का कार्य 2034 की अनुमानित जनसंख्या के हिसाब से डिजाइन किया जा रहा है। इसके अंतर्गत नगर की वसाहट में 17 हजार 833 घरों तक लाइन बिछाने की तैयारी है। पूरे नगर में सीवर की लंबाई 218 किलोमीटर रहेगी। बीच-बीच में छह इंटरमीडिएट पंपिंग स्टेशन (आईपीएस) बनाए जाएंगे, ताकि घरों से किलने वाले मल-जल को एसटीपी तक ले जाया जा सके। मानपुर रोड में मुडऩा नदी के पास ही सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बनाया जाएगा। यहां पूरे नगर के मल-जल को ट्रीट किया जाएगा। इसकी क्षमता 17 मिलियन लीटर प्रतिदिन (एमएलडी) की रहेगी।
सड़कों में नहीं फैलेगा गंदा पानी, बजबजाती नालियों से मिलेगा छुुटकारा
सीवर नेटवर्क तैयार होने का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि घरों से निकलने वाला गंदा पानी सड़कों पर नहीं फैलेगा और ट्रीटमेंट के बाद ही इसे नदी या नाले में छोड़ा जाएगा। पूरे शहर का गंदा पानी को पाइपलाइन के माध्यम से एसटीपी तक ले जाया जाएगा। इसके बाद यहां इसका ट्रीटमेंट किया जाएगा। ट्रीटमेंट के बाद इस पानी का इस्तेमाल सिंचाई आदि के लिए किया जा सकता है। वहीं ट्रीटमेंट से निकले वेस्ट मटेरियल को खाद के रूप में प्रयोग किया जा सकता है। संभाग में अभी तक सिर्फ अमरकंटक में सीवेज नेटवर्क बिछाने और एसटीपी स्थापित करने का काम शुरू हुआ है। वहां कम क्षमता का सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जा रहा है। अमरकंटक के बाद शहडोल दूसरा नगरीय क्षेत्र होगा, जहां इस पर काम शुरू होने वाला है।  
2019 में तैयार हुई थी डीपीआर, अब हुआ टेंडर
सीवेज नेटवर्क बिछाने और एसटीपी लगाने के लिए वर्ष 2019 में डीपीआर तैयार हुई थी। करीब तीन वर्ष बाद अब इसका टेंडर हो सका है। एमपीयूडीसी के अधिकारियों के अनुसार इसकी लागत 192 करोड़ 82 लाख रुपए है, इसमें 10 वर्ष का मेंटेनेंस भी शामिल हैं। यानि जो ठेकेदार इसे तैयार करेगा, उसको प्रोजेक्ट तैयार होने के बाद 10 वर्षों तक इसका संचालन करते हुए इसका मेंटनेंस भी करना होगा। टेंडर की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, जल्द ही ठेकेदार फाइनल हो जाएगा। वल्र्ड बैंक के सहयोग से यह प्रोजेक्ट तैयार किया जाएगा। अधिकारियों के अनुसार आईपीएस और एसटीपी के लिए जमीन चिन्हित कर ली गई है। लैंड अलॉटमेंट की कार्रवाई प्रचलन में है। इसके लिए करीब ढाई हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता पड़ेगी।
नगर पालिका तय करेगी शुल्क  
प्रोजेक्ट की शुरुआत में सबसे पहले टोपोग्राफिकल सर्वे और फिर डोर टू डोर सर्वे होना है। इसमें संबंधित परिवार की जानकारी, घरों के कागजात और घर की वनावट आदि का सर्वे किया जाएगा। कुछ जरूरी डाक्यूमेंट भी एकत्र किए जाएंगे। सीवेज लाइन बिछाने के बाद प्रति हाउस होल्ड कितना शुल्क वसूलना यह नगर पालिका तय करेगी। हालांकि नियमानुसार जितना पेयजल सप्लाई के लिए शुल्क वसूला जाता है, उसका 60 फीसदी मल-जल के लिए रहता है। यानि नगर के लोगों को प्रति नल कनेक्शन अभी जितना शुल्क देना पड़ रहा है। लगभग उसका आधा सीवर लाइन के लिए देना होगा। 10 वर्ष तक इसके मेंटेनेंस का काम संबंधित ठेकेदार करेगा। इसके बाद इसे नगर पालिका को ही हैंडओवर कर दिया जाएगा।
इनका कहना है
सीवेज नेटवर्क और एसटीपी के लिए टेंडर खुल चुका है। इसकी स्वीकृति की प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही ठेकेदार फाइनल हो जाएगा। नगर में डोर टू डोर सर्वे का काम भी शुरू किया जा रहा है। एमपीयूडीसी का कार्यालय शुरू हो चुका है।
-पवन जैन, प्रोजेक्ट मैनेजर, एमपीयूडीसी

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