शिमला: 18 जनवरी से 17 फरवरी तक आयोजित होगा सड़क सुरक्षा अभियान

शिमला: 18 जनवरी से 17 फरवरी तक आयोजित होगा सड़क सुरक्षा अभियान

Aditya Upadhyaya
Update: 2021-01-07 08:22 GMT
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डिजिटल डेस्क, शिमला। 18 जनवरी से 17 फरवरी तक आयोजित होगा सड़क सुरक्षा अभियान प्रदेश में लगभग 95 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं मानवीय चूक के कारण घटित होती हैं। इसके लिए प्रदेशवासियों में सड़क सुरक्षा सम्बन्धी आदतों के सृजन की आवश्यकता है। इसलिए अन्य उपायों के अतिरिक्त सड़क सुरक्षा शिक्षा के लिए सोशल, प्रिंट और इलेक्ट्राॅनिक मीडिया के माध्यम से अधिक से अधिक सार्वजनिक भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जाने चाहिए। यह बात प्रधान सचिव परिवहन के.के. पंत ने सड़क सुरक्षा के लिए गठित राज्य स्तरीय स्थाई समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। प्रधान सचिव ने कहा कि यातायात नियमों के प्रति लोगों को जागरूक करने व उसके पालन के लिए लोगों को सतर्क रहने के उद्देश्य से 18 जनवरी से 17 फरवरी 2021 तक राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह के रूप में मनाया जाएगा। इस दौरान विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को सड़क सुरक्षा सम्बन्धी नियमों की जानकारी दी जाएगी ताकि लोगों में सड़क सुरक्षा सम्बन्धी आदतें पैदा हो सकें। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा सम्बन्धी नियमों की अनुपालना के लिए जरूरी है कि आम जनता की सहभागिता भी ऐसे कार्यक्रमों में भी हो। उन्होंने इसके लिए जन जागरूकता अभियान में पंचायती राज संस्थाओं को जागरूक करने पर बल देते हुए कहा कि सम्पर्क मार्ग बनाते समय जनहित में लोगों द्वारा दी गयी जमीन की चैड़ाई आवश्यक चैड़ाई से कम होती है। उन्होंने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों को सड़क चैड़ाई कम होने के कारण हो रही दुर्घटनाओं से अवगत करवाया जाएगा ताकि भविष्य में आवश्यक मानकों के अनुरूप जमीन प्राप्त की जा सके। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के दिशानिर्देशानुसार दुर्घटना की स्थिति में सहायता करने वाले लोगों को किसी भी तरह की कानूनी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता। कोई भी राहगीर या चश्मदीद, जो दुर्घटना में शामिल व्यक्ति की सहायता करता है, उसको कानूनी रूप से कोई परेशानी न हो, इसके लिए पुलिस या कोई और उसकी पहचान बताने के लिए बाध्य नहीं कर सकते। उन्हें अस्पताल में नहीं रोक सकते, पूछताछ के लिए पुलिस स्टेशन नहीं ले जा सकते, उन्हें कोर्ट में गवाही के लिए नहीं बुला सकते और समन भी नहीं भेज सकते। उन्होंने कहा कि गुड समारिटन की भागीदारी से सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाने वाले लोगों की संख्या में कमी आएगी। उन्होंने इसके लिए भी जन-जागरूकता पर बल देते हुए कहा कि गुड समारिटन की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रचार माध्यमों का अधिक से अधिक उपयोग किया जाना चाहिए। निदेशक परिवहन अनुपम कश्यप, विशेष सचिव वित्त राजेश शर्मा, अतिरिक्त निदेशक परिवहन हेमिस नेगी, इंजीनियर-इन-चीफ लोक निर्माण भुवन शर्मा व अन्य हितधारक विभागों के अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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