अब उत्तरभारतीयों को रिझाने लोकसंगीत कजरी का सहारा ले रही शिवसेना 

अब उत्तरभारतीयों को रिझाने लोकसंगीत कजरी का सहारा ले रही शिवसेना 

Anita Peddulwar
Update: 2019-08-28 06:47 GMT
अब उत्तरभारतीयों को रिझाने लोकसंगीत कजरी का सहारा ले रही शिवसेना 

डिजिटल डेस्क,मुंबई। उत्तरभारतीय विरोधी माने जाने वाली शिवसेना अब अपनी छवि बदलना चाहती है। पार्टी के युवा चेहरे आदित्य ठाकरे की पहल पर शिवसेना अब उत्तरभारतीय समाज में पैठ बनाने उत्तरभारत के लोकप्रिय लोकसंगीत ‘कजरी’ का सहारा ले रही है। सोमवार को विधानसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक विधायक सुनील प्रभु के विधानसभा क्षेत्र दिंडोसी में आयोजित कजरी के कार्यक्रम में युवा सेना अध्यक्ष आदित्य ठाकरे पहुंचे। ‘शिवसेना की कजरी’ का आयोजन प्रदेश युवक कांग्रेस का मुख्य प्रवक्ता पद छोड़कर शिवसेना में शामिल हुए आनंद दुबे ने किया था। दुबे कहते हैं कि ‘शिवसेना हिंदीभाषियों को पार्टी से जोड़ना चाहती है। उन्होंने कहा कि पार्टी हिंदीभाषियों के बीच शिवसेना को लेकर जो गलतफहमी है उसे दूर करना चाहती है। शिवसेना की हिंदुत्ववादी राजनीति में पूरे देश के हिंदू शामिल हैं।’ 

राम मंदिर बनने तक चुप नहीं बैठेगी शिवसेना: आदित्य 

इस मौके पर युवा सेना अध्यक्ष आदित्य ठाकरे ने कहा कि अयोध्या दौरे के वक्त उत्तर प्रदेश में मुझे जो स्नेह मिला उसे भूल नहीं सकता। अयोध्या दौरे से मुझे एक ही सीख मिली कि ‘रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाई पर वचन न जाई।’ शिवसेना की भी यही रीत है कि जब तक अयोध्या में रामलला का मंदिर नहीं बनता, तब तक पार्टी शांत नहीं बैठेगी। 

घटी ‘धनुष-बाण’ से दूरी

यूं तो महानगर और आसपास के उत्तरभारतीय शिवसेना के चुनाव चिन्ह ‘धनुष-बाण’ से दूर भागते रहे हैं लेकिन बीते दो लोकसभा चुनावों में भाजपा-शिवसेना गठबंधन के चलते उत्तरभारतीयों ने भाजपा के साथ-साथ शिवसेना उम्मीदवारों को भी वोट देने से परहेज नहीं किया है। लंबे समय से मुंबई-आसपास के उत्तरभारतीय कांग्रेस के परंपरागत मतदाता माने जाते थे। लेकिन 2014 की मोदी लहर के बाद उत्तरभारतीयों का रुझान पूरी तरह से भाजपा के साथ है। इसकी वजह से कांग्रेस को महाराष्ट्र के शहरों में भारी नुकसान उठाना पड़ा है। 
मुंबई में बढ़ी कजरी की धूम

‘कजरी’ पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रसिद्ध लोकगीत है। पिछले कुछ वर्षों से मुंबई और आसपास के इलाकों में कजरी के कार्यक्रमों का खूब आयोजन हो रहा है। चुनावी बेला में इसका आयोजन कुछ ज्यादा हो रहा है। हालांकि महानगर में कजरी को लोकप्रिय बनाने में भाजपा नेता अमरजीत मिश्र की संस्था ‘अभियान’ का विशेष योगदान है। मिश्र पिछले 15 वर्षों से मुंबई और आसपास के इलाकों में सावन के मौके पर जगह-जगह कजरी के कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं।

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