सत्ता बदलते ही नागपुर को झटका, सीएम कार्यालय हुआ मुंबई शिफ्ट
सत्ता बदलते ही नागपुर को झटका, सीएम कार्यालय हुआ मुंबई शिफ्ट
डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य में सत्ता बदलते ही उपराजधानी नागपुर को पहला झटका लगा है। यहां स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय को मुंबई शिफ्ट कर दिया गया है। प्रशासकीय स्तर पर भी कई फेरबदल होने के आसार है। इससे पहले शिकायत रही है कि राज्य की सत्ता में पश्चिम महाराष्ट्र के नेताओं का प्रभाव रहा है। लिहाजा नागपुर व विदर्भ की ओर अधिक ध्यान नहीं दिया जा रहा है। 2014 में नागपुर के विधायक देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री बने तक उन्होंने नागपुर व विदर्भ की ओर अधिक ध्यान देने का वादा किया था। हालांकि मुख्यमंत्री बनने के कुछ दिनों बाद वे परिवार के साथ मुंबई में शिफ्ट हो गए । लेकिन नागपुर में उन्होंने पूर्णकालीन मुख्यमंत्री कार्यालय खोल रखा था। हैदराबाद हाऊस में फडणवीस के मुख्यमंत्री कार्यालय में लोगों की शिकायतें व फरियादें सुनी जाती थी। इस कार्यालय में सरकारी व निजी कर्मचारी कार्यरत थे। खासकर मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता निधि के लिए यह कार्यालय लोगों के लिए राहत देनेवाला था। इस कार्यालय में आवेदन जमा कराने पर मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता निधि का लाभ मिलता था।
फडणवीस के कार्यकाल में 6200 आवेदनों पर सरकार ने 50 करोड की निधि की सहायता स्वास्थ्य उपचार के लिए की। अब इस योजना का लाभ लेने व अवेदन के लिए मुंबई जाना होगा। इससे पहले विदर्भ की विकास निधि को भी अन्य क्षेत्र में शिफ्ट करने के आरोप लगते रहे हैं। नागपुर व विदर्भ में विकास कार्य में भेदभाव के आरोप लगते रहे हैं। नागपुर में सचिवालय, मुख्यमंत्री आवास, विधानभवन होने के बाद भी केवल विधानमंडल के शीतसत्र के समय यहां सरकार रहती है। अन्य समय में सारा कामकाज मुंबई से चलता है। गडचिरोली जिले से छत्तीसगढ, मध्यप्रदेश व तेलंगाना, आंध्रप्रदेश की राजधानी नजदीक है। अपने ही राज्य की राजधानी तक पहुंचने के लिए गडचिरोली के नागरिकों को 1000 किमी से अधिक का सफर तय करना पड़ता है। लिहाजा मांग उठती रही है कि नागपुर में मंत्रालय संबंधी कामों की सुविधा होना चाहिए।