सिग्नल तोड़ने वाले हो जाएं सावधआन, स्टॉप लाइन क्रॉस करते ही बजेगा सायरन, मिलेगी चेतावनी

सिग्नल तोड़ने वाले हो जाएं सावधआन, स्टॉप लाइन क्रॉस करते ही बजेगा सायरन, मिलेगी चेतावनी

Anita Peddulwar
Update: 2020-01-15 10:36 GMT
सिग्नल तोड़ने वाले हो जाएं सावधआन, स्टॉप लाइन क्रॉस करते ही बजेगा सायरन, मिलेगी चेतावनी

डिजिटल डेस्क, नागपुर।   शहर में यातायात व्यवस्था सुधारने और नियमों के प्रति जागरूक करने के लिए शहर के डीसीपी गजानन राजमाने ने एक यंत्र की योजना बनाई है। जिसमें शहर के नागरिकों को स्टॉप लाइन से पहले रोकने और नियमों के लिए बार-बार टोकने के लिए सेंसर और स्पीकर लगाए गए हैं। जिसमें स्टॉप लाइन को क्रॉस करते ही सायरन से वार्निंग मिलेगी। नियमों के पालन के लिए दो विद्यार्थियों काे यह यंत्र बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। अब यह यंत्र बनकर तैयार है, जिसे लॉ कॉलेज चौक पर टेस्टिंग के लिए लगाया गया है। इसका आधिकारिक उद्घाटन जल्द ही किया जाएगा। दैनिक भास्कर और जनआक्रोश अपने अभियान के जरिए वाहन चालकों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक करने का प्रयास कर रहे हैं। 

ऐसे करेगा काम
इसमें लेजर लाइट, सेंसर और हार्न लगा हुआ है। इसके लिए रोड के दोनों ओर बॉक्स लगाए गए हैं, जिनमें यह यंत्र रखा गया है। दोनों यंत्रों को आमने सामने लगाया गया है। इसमें लेजर लाइट और सेंसर के सामने जैसे ही कोई आएगा तो साइरन बजना शुरू हो जाएगा। स्पीकर से वॉर्निंग दी जाएगी "आपने स्टॉप लाइन क्रॉस की है वाहन पीछे लें अन्यथा कार्रवाई की जाएगी'। बाद में कैमरे भी लगाए जाएंगे, जिससे नियम तोड़ने वाले वाहन चालक को नंबर प्लेट के जरिए चालान भेजे जाएंगे। 

व्यवस्था में सुधार जरूरी
कई वाहन चालक जेब्रा लाइन पर वाहन खड़े कर देते हैं, जिससे पैदल चलने वालों को समस्या होती है। ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूक करने और यातायात व्यवस्था को व्यवस्थित करने के लिए यह यंत्र बनाया है।  - चिन्मय पंडित, डीसीपी, यातायात पुलिस

सिग्नल और सेंसर का समय  नहीं होता था मैच
इसे दो दोस्त नहुश कुलकर्णी और कौस्तुभ कुलकर्णी ने मिलकर तैयार किया है। नहुश कुलकर्णी ने बताया कि इसको तैयार करने के लिए सिर्फ 15 दिन का समय लगा। इसकी टेस्टिंग 26 दिसंबर से शुरू की गई। सबसे ज्यादा समस्या टेस्टिंग के दौरान आई, क्योंकि सिग्नल के लाल होने का समय और इसके एक्टिव हाेने का समय मेल नहीं खा रहा था। कभी देर से अलार्म बज रहा था तो कभी पहले अलार्म बजने लगता। फिलहाल यह पूरी तरह तैयार हो चुका है। इसे बनाने का पूरा खर्च यातायात पुलिस विभाग की ओर से किया गया है।

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