आईएसआई से जुड़ रहा सिमी का नेटवर्क, प्रतिबंध जरूरी

आईएसआई से जुड़ रहा सिमी का नेटवर्क, प्रतिबंध जरूरी

Bhaskar Hindi
Update: 2019-05-29 07:47 GMT
आईएसआई से जुड़ रहा सिमी का नेटवर्क, प्रतिबंध जरूरी

डिजिटल डेस्क, जबलपुर । विधि विरूद्ध क्रिया कलाप निवारण अधिकरण (यूएपी ट्रिब्यूनल) की अध्यक्ष और दिल्ली हाईकोर्ट की जज मुक्ता गुप्ता के समक्ष मंगलवार को एटीएस प्रमुख संजीव शमी ने कहा कि स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) का नेटवर्क पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़ रहा है। इस पर एटीएस लगातार नजर रख रही है। ऊपरी तौर पर भले ही सिमी की गतिविधि नजर नहीं आ रही है, लेकिन अभी भी सिमी के स्लीपर सैल सक्रिय है। इसलिए सिमी पर प्रतिबंध जारी रखा जाना चाहिए। वहीं दूसरी तरफ सिमी की ओर से 188 सदस्यों के दोषमुक्ति के आदेश पेश कर कहा गया कि ज्यादातर लोगों को झूठा फंसाया गया था। न्यायालय ने उन्हें दोषमुक्त किया है। इसलिए सिमी से प्रतिबंध हटाया जाना चाहिए। तीसरे दिन लगभग ढाई घंटे बहस के बाद सुनवाई पूरी हो गई। 
 

17 मामलों में हुई सजा 
मंगलवार सुबह 9.30 बजे बहस की शुरूआत करते हुए एटीएस प्रमुख संजीव शमी ने कहा कि सिमी से संबंधित 17 मामलों में न्यायालय ने सजा सुनाई है। इससे स्पष्ट है कि सिमी के सदस्य देश विरोधी गतिविधियों में शामिल है। उन्होंने कहा कि सिमी का नेटवर्क पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ जुड़ रहा है। सिमी के स्लीपर सैल के सक्रिय होने के प्रमाण मिले है। यदि सिमी पर लगे प्रतिबंध को हटाया जाता है, तो सिमी के सदस्य फिर से देशविरोधी गतिविधियों में सक्रिय हो जाएंगे। 
 

बिना सबूत फंसा रहे झूठा 
सिमी की ओर से अधिवक्ता नईम खान ने तर्क दिया कि सिमी के सदस्यों को झूठा फंसाया जा रहा है। न्यायालय द्वारा 188 मामलों में दोषमुक्त किया जा चुका है। श्री खान ने कहा कि एटीएस द्वारा तैयार प्रकरणों में गवाह एटीएस के होते है। इसके बाद भी न्यायालय में 5-5 साल ट्रायल चलती है, ताकि बेगुनाह ज्यादा से ज्यादा समय जेल में रह सके। उन्होंने कहा कि सिमी के खिलाफ पिछले पांच साल में एक भी आरोप नहीं लगाया गया है। इसलिए सिमी से प्रतिबंध हटाया जाना चाहिए। 
 

सबूतों की आधार पर दर्ज किए गए प्रकरण 
केन्द्र सरकार की ओर से असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल पिंकी आनंद ने तर्क दिया कि सिमी के सदस्यों के खिलाफ प्रमाणों के आधार पर ही प्रकरण दर्ज किए गए है। बना प्रमाण किसी के भी खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है। सिमी के खिलाफ देशविरोधी गतिविधियों में शामिल होने के कई प्रमाण है। इंटेलीजेंस की सूचना के अनुसार सिमी के स्लीपर सैल अभी भी सक्रिय है। इसको देखते हुए सिमी पर लगे प्रतिबंध को बढ़ाया जाना चाहिए। 
 

सिमी ने 18 और एटीएस ने 14 शपथ पत्र पेश किए 
लगभग ढाई घंटे तक चली सुनवाई के दौरान सिमी की ओर से अपने पक्ष में 18 शपथ-पत्र पेश किए गए। वहीं एटीएस की ओर से भी 14 शपथ-पत्र पेश कर सिमी पर लगे प्रतिबंध को बढ़ाए जाने का अनुरोध किया गया। 
 

प्रतिबंध पर सुप्रीम कोर्ट करेगा फैसला 
सिमी पर लगे प्रतिबंध को हटाया जाए या फिर उसे 5 साल के लिए बढ़ा दिया जाए। इसका फैसला सुप्रीम कोर्ट द्वारा किया जाएगा। विधि विरूद्द्ध क्रिया कलाप निवारण अधिकरण द्वारा मामले की सुनवाई कर अनुशंसा सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पेश की जाएगी।
 

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