कोई खुश हुआ, तो कोई निराश, जानिए - अर्थव्यवस्था पर किसने क्या कहा

कोई खुश हुआ, तो कोई निराश, जानिए - अर्थव्यवस्था पर किसने क्या कहा

Tejinder Singh
Update: 2020-02-02 08:30 GMT
कोई खुश हुआ, तो कोई निराश, जानिए - अर्थव्यवस्था पर किसने क्या कहा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि बजट में आर्थिक स्थिति में सुधार का कोई प्रयास नहीं किया गया है। इससे देश की आर्थिक व्यवस्था और भी खराब होगी। विकास के लिए उपाययोजनाओं की उम्मीद थी, लेकिन ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई है। 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने की केवल घोषणा की गई है। पीएम किसान सम्मान निधि योजना की निधि अपर्याप्त है।

बजट से निराशा हाथ लगी 

पालकमंत्री व ऊर्जामंत्री डॉ. नितीन राऊत के मुताबिक वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण महिला होने से कम से कम महिलाओं को राहत मिलनी चाहिए थी। उसमें भी निराशा नजर आई। कांग्रेस ने खड़े किए संस्थाओं को खत्म किया जा रहा है। एयरलाइंस के बाद अब एलआईसी बेचने निकाली गई है। बुलेट ट्रेन भूल गए हैं। तेजस जैसी 100 से अधिक ट्रेनें निजी उद्योजकों को सौंपी जा रही हैं। सरकार ने देश बेचने निकाला है। आईडीबीआई बैंक की पूंजी बेचेगी। सर्वाधिक कर देने वाले मुंबई व महाराष्ट्र के जख्मों पर नमक छिड़का है। 

करदाता को राहत

पूर्व पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि  बजट से करदाताओं को राहत मिलेगी। उद्योगों को प्रोत्साहन मिलेगा। कृषि व सिंचाई क्षेत्र में गति मिलेगी। कृषि क्षेत्र के लिए 16 सूत्रीय कार्यक्रम के तहत किसानों को कर्ज के लिए 15 लाख करोड तक का प्रावधान किया है। अनुसूचित जाति व जनजाति के लोगों को सहायता के लिए भी निधि का प्रावधान किया गया है। आर्थिक व्यवस्था को गति देने का प्रयास किया जा रहा है।

बजट: सत्तापक्ष ने की सराहना, विपक्ष ने बताया दिशाहीन 

मोदी सरकार की दूसरी पारी के आम बजट की जहां सत्तापक्ष  सराहना कर रहा है, वहीं विपक्ष दल इसे दिशाहीन बता रहा है। वित्तमंत्री सीतारमण ने 107 मिनट तक सबसे लंबे बजट भाषण में किसान, मध्यवर्गीय महिला तथा व्यावसायियों के लिए अनेक योजनाओं की घोषणा की। जिस पर विभिन्न राजनीतिक व सामाजिक लोगों की प्रतिक्रिया कुछ इस प्रकार रही।

आम लोगों को निराशा

नगराध्यक्ष कामठी नप मो. शाहजहां शफाअत अंसारी के मुताबिक बजट में किसानों को सब्जबाग दिखाए गए। आम जनता को इस बजट से निराशा ही हाथ लगी है। बिगड़ती अर्थव्यवस्था को काबू में करने कोई उपाय योजना नहीं की गई। 

घोषणा स्वागतयोग्य

डा. राजेंद्र अग्रवाल के मुताबिक वित्तमंत्री द्वारा पेश किए गए बजट में स्वास्थ्य सेवाओं पर की गई घोषणाएं स्वागत योग्य हैं। जनऔषधि केंद्र, पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कालेज तथा स्वस्थ भारत मिशन जैसी योजनाओं से जनता को लाभ पहुंचेगा।
 

कम है, पर दम है, सभी सेक्टर के लिए कुछ न कुछ

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का दूसरा बजट वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को संसद में पेश किया। व्यापार जगत ने इस बजट को संतुलित करार दिया है। इस बजट में कृषि क्षेत्र के लिए बहुत सी घोषणाएं की गई हैं। आम जनता को टैक्स की स्लैब में राहत देने का प्रयास भी किया गया है। दैनिक भास्कर कार्यालय में ‘लाइव बजट’ का आयोजन किया गया। इस दौरान उपस्थित विभिन्न क्षेत्र के जानकारों ने अपनी प्रतिक्रियाएं कुछ इस प्रकार दीं-

रकम कम...स्पोर्ट्स और एक्सट्रा करिकुलर एक्टिविटी पर फोकस नहीं

विद्यार्थी ओम बडियानी के मुताबिक सरकार ने एजुकेशन सेक्टर के लिए 99000 करोड़ रुपए की घोषणा की है, जबकि स्किल डेवलपमेंट के लिए केवल 3000 करोड़ रुपए दिए। स्किल डेवलपमेंट के लिए यह रकम काफी कम है। देश से हर साल हजारों की संख्या में छात्र विदेशों में शिक्षा ग्रहण करने जा रहे हैं, उनके लिए सरकार को कुछ करना चाहिए। मेरिट स्टूडेंस को हायर एजुकेशन देने के लिए सरकार को स्पांसर करना चाहिए। स्पोर्ट्स और एक्सट्रा करिकुलर एक्टिविटी पर खास फोकस नहीं।     -  

अच्छा कदम...मेडिकल उपकरणों पर हेल्थ टैक्स असरदार साबित होगा

श्रीकांत दुबे, एक्जिक्यूटिव कमेटी मेंबर महाराष्ट्र केमिट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के मुताबिक फार्मास्यूटिकल मैन्युफैक्चरिंग में टेक्निकल अपग्रेडेशन के लिए कम निधि दी गई है। ‘टीबी हारेगी-देश जीतेगा' योजना के तहत वर्ष 2024 तक सभी जिलों में जन औषधि केंद्र बनाए जाएंगे। पोषण संबंधी कार्यक्रमों के लिए 2020-21 के बजट में 35,600 करोड़ रुपए आवंटित किए गए। मेडिकल उपकरणों पर हेल्थ टैक्स लगाने की घाेषणा निर्माताओं की दृष्टिकोण से एक अच्छा कदम है। ऑडिट की लिमिट 5 लाख तक करने से खुदरा व्यापारियों को काफी राहत मिलेगी।

  
और तेजी...किसान रेल से विदर्भ को फायदा नागपुर मंडल को तेजस मिलने की उम्मीद

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को सालाना बजट की घोषणा की, जिसमें रेलवे बजट में भी बड़ी घोषणा की। रेलवे ने इस बार फिर से 150 तेजस ट्रेनें, किसान रेल, रेलवे की जमीन पर सोलर पैनल के साथ ही पर्यटन क्षेत्रों में भी तेजस चलाने की घोषणा की है। इसमें नागपुर मंडल को भी तेजस ट्रेन मिलने की संभावना है। नागपुर मंडल का नागपुर रेलवे स्टेशन ए श्रेणी के स्टेशन में शामिल है। इसे मॉडर्न रेलवे स्टेशन में पुनर्विकसित करने के लिए कार्य पहले ही शुरू हो चुका है। इसके साथ ही इस रेलवे बजट में  मल्टी मॉडल स्टेशन बनाने की घोषणा की गई है। हालांकि नागपुर मंडल के अजनी स्टेशन पर मल्टी मॉडल स्टेशन का कार्य शुरू हो चुका है। 

मॉडर्न रेलवे स्टेशन में नागपुर पहले ही शामिल

नागपुर रेलवे स्टेशन ए श्रेणी स्टेशनों में शामिल है। इसे ए 1 श्रेणी में विकसित करने के लिए नोडल एजेंसी आईआरएसडीसी ने कार्य शुरू कर दिया है। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। सालाना बजट में 150 तेजस ट्रेनें चलाने की निर्णय लिया गया है। जिसमें नागपुर को भी तेजस ट्रेन मिल सकती है। इससे पहले दिल्ली से लखनऊ और दूसरी मुंबई से अहमदाबाद चलाने का निर्णय लिया गया था। इसके बाद तीसरी तेजस ट्रेन इंदौर से वाराणसी से चलाई जाएगी। नागपुर में इससे पहले भी स्पेशल ट्रेन चलाई गई है, जिसमें जनशताब्दी एक्सप्रेस, दुरंतो, हमसफर एक्सप्रेस जैसी ट्रेनें हैं। 

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