स्वाइन फ्लू से डेढ़ महीने में चौथी मौत, 12 संदिग्ध मरीजों की हुई जांच

स्वाइन फ्लू से डेढ़ महीने में चौथी मौत, 12 संदिग्ध मरीजों की हुई जांच

Bhaskar Hindi
Update: 2017-09-12 16:41 GMT
स्वाइन फ्लू से डेढ़ महीने में चौथी मौत, 12 संदिग्ध मरीजों की हुई जांच

डिजिटल डेस्क, शहडोल। स्वाइन फ्लू से पीड़ित बुढ़ार निवासी एक युवक की मौत हो गई। इसकी पुष्टि करते हुए CMHO ने बताया कि बुढ़ार वार्ड नंबर 13 सिंधी बाजार निवासी आशीष केसरवानी (31) की मौत जबलपुर के मेडिकल कॉलेज में हुई है। आशीष शहडोल स्थित एक निजी अस्पताल में इलाज कराने पहुंचा था, जहां से बीमारी का संदिग्ध लक्षण पाए जाने के बाद बाहर इलाज की सलाह दी गई थी। परिजन उसे जबलपुर मेडिकल कॉलेज ले गए थे, जहां सोमवार को उसकी मौत हो गई।

एहतियात के तौर पर जिला स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मृतक के आवास और आसपास के इलाकों मे जाकर सर्वे का कार्य किया, जहां अन्य किसी को इस बीमारी के लक्षण नहीं पाए गए हैं। इस बीमारी से जिले में यह चौथी मौत है। जबकि लगभग 12 संदिग्ध मरीजों की जांच की गई है। अधिकांश को यह बीमारी नहीं निकली। जिनमें पॉजिटिव रिजल्ट आए उनमें से दो की मौत हो चुकी है। जबकि अन्य इलाज से ठीक हो चुके हैं या इलाज चल रहा है। पहली मौत 2 अगस्त को जिले के कौआसरई निवासी सरोज केवट की इसी बीमारी से हुई थी। इसके बाद एमपीईबी कॉलोनी निवासी सेल्स टैक्स सलाहकार राजेश गुप्ता तथा एक अन्य युवक की मौत स्वाइन फ्लू से हो चुकी है।

सरकारी अस्पताल तक नहीं पहुंचा मामला
स्वाइन फ्लू से मृत हुए बुढ़ार निवासी आशीष केशरवानी को इलाज के लिए सरकारी चिकित्सालय नहीं लाया गया था। CMHO के अनुसार सर्दी खांसी ठीक नहीं होने के बाद उसे निजी क्लीनिक में दिखाया गया था। डॉ. पाण्डेय का कहना है कि यदि बुढ़ार अथवा सरकारी चिकित्सालय लाया जाता तो उसकी जांच होकर इलाज मुहैया कराई जा सकती थी। जांच की सुविधा केवल सरकारी अस्पतालों में ही है। जांच रिपोर्ट जबलपुर मेडिकल कॉलेज से दो तीन दिनों में आती है तब कि संदिग्ध मामलों का इलाज प्रारंभ करा दिया जाता है, जिससे जान बचने की ज्यादा संभावना रहती है।

निजी अस्पतालों को नोटिस का असर नहीं
स्वाइन फ्लू से अधिकतर मौतें उन मरीजों की हुई हैं जो निजी चिकित्सालयों में इलाज के लिए पहुंचे थे और रेफर हुए। विभाग के अधिकारियों का मानना है कि निजी चिकित्सालयों में आने वाले संदिग्ध मरीजों की जानकारी समय पर नहीं मिल पाती, इसी वजह से मोतें हो रही हैं। नगर के 12 निजी चिकित्सालयों को नोटिस जारी कर कहा गया था कि संदिग्ध मरीजों के पाये जाने की सूचना विभाग को तत्काल देकर जिला चिकित्सालय में भर्ती कराएं। यदि ऐसा नहीं किया जाता तो मप्र रूजोपचार अधिनियम 1973 की धारा 4 की उपधारा 1 के तहत लाइसेस निरस्ती की कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद भी सरकारी अस्पताल तक सूचना नहीं पहुंच पा रही है।

CMHO डॉ. राजेश पाण्डेय का कहना है कि बुढ़ार निवासी आशीष नामक युवक की मौत स्वाइन फ्लू से होने की पुष्टि मेडिकल कॉलेज जबलपुर से हुई है। इस बीमारी से यह चौथी मौत है। विभाग सतर्क है। सरकारी अस्पतालों में जांच व इलाज की सुविधा है।

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