पीआईयू के ठेकेदार की बातचीत के ऑडियो वायरल -कमीशन के बंटवारे पर हो रही बात, ईई-सीई का जिक्र

पीआईयू के ठेकेदार की बातचीत के ऑडियो वायरल -कमीशन के बंटवारे पर हो रही बात, ईई-सीई का जिक्र

Bhaskar Hindi
Update: 2020-11-05 08:30 GMT
पीआईयू के ठेकेदार की बातचीत के ऑडियो वायरल -कमीशन के बंटवारे पर हो रही बात, ईई-सीई का जिक्र

डिजिटल डेस्क दमोह । केएन कॉलेज में एक करोड़ 34 लाख रुपए की लागत से ऑडिटोरियम बना रहे ठेकेदार नीलेश सोनी व लोकनिर्माण के पीआईयू विभाग में पदस्थ ऑडिटर मुकेश राय के बीच हुई बातचीत के दो ऑडियो बुधवार को सोशल मीडिया पर वायरल होते ही हडक़ंप मच गया। पीआईयू से अफसर नदारद हो गए और फोन स्विच ऑफ हो गए। ऑडियो में दोनों के बीच हो रही बातचीत में पीआईयू के ईई (एक्जीक्यूटिव इंजीनियर) तथा सीई (चीफ इंजीनियर) के परसेंटेज, ऑफिस खर्चे का जिक्र है। ऑडियो वायरल होने के बाद ठेकेदार नीलेश सोनी मीडिया के सामने आए और कहा कि ऑडिटोरियम बनाने के दौरान किए गए काम के जितने भी बिल बनाकर भेजे गए ऑडिटर द्वारा दमोह में बेठे ईई के नाम पर ढाई प्रतिशत तथा जबलपुर में बैठे सीई के नाम पर एक प्रतिशत कमीशन मांगा जाता है। उन्होंने मामले की लोकायुक्त से भी शिकायत किए जाने की बात कही।
कमीशन के 38 हजार के बंटवारे पर हो रही है बातचीत- ऑडियो में ऑडिटर राय व ठेकेदार सोनी के बीच कमीशन के दिए गए 38 हजार रूपए के बंटवारे को लेकर बातचीत हो रही है। ठेकेदार ईई, सीई व ऑफिस खर्च के साढ़े 35 हजार रूपये का हिसाब गिनाते हुए कह रहा है कि हमने 38 हजार दिए थे। 
 दोनों के बीच पहले 75 व 76 नोट (संभवत: पांच सौ रुपये के) देने को लेकर और फिर अधिक चले गए ढाई हजार रुपये को लेकर बहस होती है। ऑडिटर द्वारा बाकी के पैसों की डिमांड करने पर ठेकेदार दो-चार दिन में डिमांड पहुंचाने की बात कह कर फोन काट देता है।
एक और ठेकेदार सामने आया, बोला-  ईई ने उनसे भी कमीशन के साढ़े तीन लाख रुपये लिए
तेंदूखेड़ा में एक करोड़ 37 लाख की लागत का आईआईटी भवन बनाने वाला पीआईयू का एक अन्य ठेकेदार अजय खत्री भी मीडिया के सामने आया। उसने कहा कि ईई हेमंत राजपूत ने कलेक्टर के नाम पर दो लाख रुपये और स्वयं के लिए डेढ़ लाख बतौर कमीशन लेने के बाद उसके बिल का भुगतान किया। अजय के मुताबिक कलेक्टर जब विजिट पर आए थे तब उन्होंने एसडीएम को निर्देश दिए थे कि बिल्डिंग के दरवाजे बदल दिए जाएं और एक दीवाल जो क्रेक थी उसका पुन: निर्माण किया जाए। इसी विजिट के नाम पर कलेक्टर को देने के लिए दो लाख रुपये ईई राजपूत द्वारा मांगे गए थे और नहीं देने की स्थिति में बिल का भुगतान रोकने की धमकी दी थी।
 

Tags:    

Similar News