शिक्षा का स्तर सुधारने की कवायद, स्टूडेंट्स के परफार्मेंस पर शिक्षकों का ‘प्रमोशन’

शिक्षा का स्तर सुधारने की कवायद, स्टूडेंट्स के परफार्मेंस पर शिक्षकों का ‘प्रमोशन’

Bhaskar Hindi
Update: 2017-10-25 07:04 GMT
शिक्षा का स्तर सुधारने की कवायद, स्टूडेंट्स के परफार्मेंस पर शिक्षकों का ‘प्रमोशन’

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए सरकार ने अब शिक्षकों के प्रमोशन में नए नियम थोप दिए हैं। कक्षा में विद्यार्थियों के परफार्मेंस पर ही टीचर्स का प्रमोशन होगा। राज्य सरकार ने यह फैसला लिया है। हाल ही में इस संबंध में जीआर जारी किया गया है। 

मापदंड इस प्रकार 

राज्य में सरकारी और अनुदानित स्कूलों के शिक्षकों को समय-समय पर प्रमोशन मिलता है। शिक्षक के रूप में 12 वर्ष पूर्ण करने पर वरिष्ठ श्रेणी और 24 वर्ष की सेवा पूरी करने पर उन्हें चयनश्रेणी का प्रमोशन दिया जाता है, लेकिन अब सरकार ने प्रमोशन के नियमों में बदलाव किया है। अब प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल का दर्जा "ए-ग्रेड" और 9वीं-10वीं कक्षा का परिणाम 80 प्रतिशत से ऊपर होगा, तभी वहां के शिक्षकों को प्रमोशन के लिए पात्र माना जाएगा। नियमों के अनुसार, इन पात्र शिक्षकों को सरकार के प्रशिक्षण शिविर में भी सहभागी होना पड़ेगा। इसके बाद उनके प्रमोशन की बात आगे बढ़ेगी।

गिर रहा शिक्षा का स्तर 
राज्य में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए सरकार ने "प्रगत शैक्षणिक महाराष्ट्र अभियान" शुरू किया है। इसके बावजूद सरकारी स्कूलों से और खासकर ग्रामीण क्षेत्र की स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या कम होती जा रही है। इसे रोकने के लिए कदम उठाए गए हैं। 

विरोध के स्वर हुए तेज
सरकार के इस नए फैसले से शिक्षकों में हड़कंप मचा है। स्वयं सत्ताधारी भाजपा के शिक्षक संगठन समेत अन्य संगठनों ने सरकार के इस जीआर का खुल कर विरोध किया है। भाजपा शिक्षक सेल के विदर्भ संयोजक के अनुसार शिक्षकों के प्रमोशन के लिए  स्कूल के "ए ग्रेड" के होने या 80 प्रतिशत से ऊपर के परिणाम की शर्त सरासर तानाशाही है। यहां तक कि प्रमोशन के लिए जो प्रशिक्षण लेना अनिवार्य है, उसमें कई गड़बड़ियां हैं। सरकार ने यह जीआर वापस नहीं लिया तो, संगठन प्रदेशभर में आंदोलन छेड़ देगा। इस संबंध में संगठन ने शिक्षा उपसंचालक के माध्यम से शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े को ज्ञापन सौंपा है। इस मौके पर महाराष्ट्र संयोजिका डॉ. कल्पना पांडे, विदर्भ संयोजक डॉ. उल्हास फडके, नागपुर संयोजक प्रदीप बिबटे व अन्य सदस्य उपस्थित थे। 

सरकार के इस फैसले का राष्ट्रवादी शिक्षक सेल ने भी जमकर विरोध किया है। संगठन राज्य उपाध्यक्ष पुरुषोत्तम पंचभाई के अनुसार प्रमोशन के लिए स्कूल के "ए ग्रेड" के होने या 80 प्रतिशत से ऊपर के परिणाम की शर्त शिक्षकों के लिए अन्यायकारी है। संगठन इसका निषेध कर रहा है। जीआर पीछे न लेने पर संगठन आंदोलन का मार्ग अपनाएगा।

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