टाईगर फैमिली का आतंक - दो मवेशियों का शिकार, रेस्क्यू टीम के हाथ अभी भी खाली

टाईगर फैमिली का आतंक - दो मवेशियों का शिकार, रेस्क्यू टीम के हाथ अभी भी खाली

Bhaskar Hindi
Update: 2018-04-18 13:43 GMT
टाईगर फैमिली का आतंक - दो मवेशियों का शिकार, रेस्क्यू टीम के हाथ अभी भी खाली

डिजिटल डेस्क कटनी । बरही क्षेत्र के लोगों को बाघों की दहशत से निजात नहीं मिल पा रही है। इस क्षेत्र में विचरण कर रहे बाघ मवेशियों को निवाला बना रहे हैं। झिरिया क्षेत्र में सक्रिय टाईगर फैमिली ने बुधवार तड़के लुरमी में दो मवेशियों का शिकार किया। वहीं जिस बाघिन के शावकों को पकड़कर बांधवगढ़ नेशनल पार्क भेजा है वह रेस्क्यू टीम की पकड़ में नहीं आ रही है। इस बाघिन के आक्रामक होने की आशंका थी लेकिन यह बाघिन रेस्क्यू टीम को देखकर भाग रही है। 

बैल और गाय का किया शिकार- 
जानकारी के अनुसार झिरिया में दो शावकों के साथ नर-मादा टाइगर हैं। बुधवार तड़के इन बाघों ने लुरमी में एक गाय और एक बैल का शिकार किया। वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इन दिनों फसल कटाई के बाद लोगों ने अपने मवेशी जंगल में खुले छोड़ दिए हैं, जिससे वे बाघों का शिकार हो जाते हैं। 

तीन माह में 40 मवेशियों का शिकार- 
कुआं, झिरिया क्षेत्र में धमाचौकड़ी मचा रहे बाघ तीन माह में 40 मवेशियों का शिकार कर चुके हैं। एक माह के भीतर दो महिलाओं एवं एक पुरुष का शिकार होने से क्षेत्र के लोगों में बाघिन के आदमखोर बनने का भय बन गया है। एक दिन के भीतर महिला, पुरुष का शिकार करने पर राज्यमंत्री संजय पाठक प्रभावित गांवों में पहुंचे थे। मामला मुख्यमंत्री एवं वनमंत्री तक पहुंचने के बाद हमलावर बाघिन को पकडऩे कवायद शुरू हुई। इसी प्रक्रिया में बाघिन के शावक तो कैद कर लिए गए पर बाघिन रेस्क्यू टीम के हाथों नहीं आ रही है। 

टीम को देख भाग रही बाघिन- 
कुआं क्षेत्र में दो महिलाओं व एक पुरुष सहित कई मवेशियों का शिकार करने वाली बाघिन रेस्क्यू टीम की पकड़ में नहीं आ रही है। बताया जाता है कि हाथियों को देखकर बाघिन घने जंगलों में चली जाती है। वन विभाग के अधिकारियों का मानना है कि संभवत: वह शावकों को खोज रही है। रेस्क्यू टीम के सामने बाघिन को पकडऩा बड़ी चुनौती है। बरही क्षेत्र के रेंजर व्ही.एस.चौहान ने बताया कि कई बार ऐसा हुआ कि बाघिन सामने दिखी लेकिन वह तेजी से घने जंगल की ओर भाग गई।

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