वाहन निर्माणी में तैयार हुईं गनों की पहली खेप सेना के हवाले, फ्लेगिंग सेरेमनी में जीएम बोले- हमारे लिए गौरव के क्षण

वाहन निर्माणी में तैयार हुईं गनों की पहली खेप सेना के हवाले, फ्लेगिंग सेरेमनी में जीएम बोले- हमारे लिए गौरव के क्षण

Bhaskar Hindi
Update: 2020-09-18 08:25 GMT
वाहन निर्माणी में तैयार हुईं गनों की पहली खेप सेना के हवाले, फ्लेगिंग सेरेमनी में जीएम बोले- हमारे लिए गौरव के क्षण

जिनका गनों से दूर तक वास्ता नहीं, ऐसे हाथों ने चमत्कार कर दिखाया ट्रकों के कामगारों ने लॉन्च की सबसे  बड़े गोले दागने वाली सारंग
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
155एमएम का भारी भरकम गोला दागने वाली गनें तैयार करने का कारनामा उन हाथों ने कर दिखाया है जिनका दूर-दूर तक इससे वास्ता नहीं रहा। वाहन निर्माणी में आम तौर पर युद्धक वाहन बनाने वाले आयुध कर्मियों ने सारंग तोप के साथ हर चुनौती को पार करते हुए जब सेना को इसे सौंपा तो हर एक कर्मी का सीना  गर्व से चौड़ा हो गया। इस महान अवसर पर वीएफजे के महाप्रबंधक भी बोले कि उन्हें ऐसे हुनरमंदों पर फक्र है। वाहन निर्माणी में फ्लेगिंग सेरेमनी के दौरान भारतीय सेना के कई आला अधिकारी मौजूद रहे। निर्माणी में अपग्रेड की गई तीन सारंग गनों को आर्मी के हवाले करने की औपचारिक प्रक्रिया पूरी की गई। पहले सीखा, फिर आगे बढ़े 
वाहन निर्माणी के महाप्रबंधक अतुल गुप्ता ने कहा कि ऐसी गन बनाना जिसमें निर्माणी का स्टाफ पारांगत नहीं है हमारे लिए चुनौतियों से भरा काम था। हमने पहले मापदंडों को समझा, सीखा और तय कर लिया गया कि क्वॉलिटी के साथ समझौता नहीं किया जाएगा। क्वॉलिटी एश्योरेंस के ऑफीसरों के चैक करने से पहले हमने खुद परीक्षण में कोई कसर नहीं छोड़ी। हमने कोई शॉर्ट कट न मारते हुए पूरी तसल्ली के साथ हर एक प्रक्रिया को पूरा किया। 
300 गनों का टारगेट 8 सारंग गनों के लिए आयुध निर्माणी बोर्ड को 300 गनों के अपग्रेडेशन का टारगेट हासिल हुआ है। जानकारों का कहना है कि इसकी जिम्मेदारी मुख्य रूप से जीसीएफ तथा वीएफजे को सौंपी गई है। जीसीएफ का इतिहास ही तोपों के निर्माण से जुड़ा रहा है, लेकिन वीएफजे के लिए यह वाकई चुनौती भरा टास्क रहा। 
साल्टम से सारंग तक 8 इजरायली तकनीक पर बेस्ड 130एमएम गन को नए जमाने की टेक्नोलॉजी से लैस किया जा रहा है। साल्टम गन के रूप में जानी जाने वाली इस तोप के बैरल में बड़ा बदलाव किया गया है। सैन्य सुधार के तहत सभी गनों और टैंकों के बैरल को 155एमएम में अपग्रेड किया जाना है। इस तरह के अपग्रेडेशन से फायदा यह है कि दूसरी गनों में उपयोग लाए जाने वाले एक ही तरह के गोले सारंग से भी फायर किए जा सकेंगे। 
 

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