कुण्डम-मण्डला रोड पर लोमडिय़ों का डेरा - फसलें कर रहे चौपट, शिकायतों के बाद भी हरकत में नहीं आ रहा  वन विभाग

कुण्डम-मण्डला रोड पर लोमडिय़ों का डेरा - फसलें कर रहे चौपट, शिकायतों के बाद भी हरकत में नहीं आ रहा  वन विभाग

Bhaskar Hindi
Update: 2021-03-22 09:09 GMT
कुण्डम-मण्डला रोड पर लोमडिय़ों का डेरा - फसलें कर रहे चौपट, शिकायतों के बाद भी हरकत में नहीं आ रहा  वन विभाग

डिजिटल डेस्क जबलपुर । कुण्डम से मण्डला जाने वाले मार्ग पर पिछले कुछ दिनों से लोमडिय़ों का एक झुण्ड ग्रामीणों के साथ राहगीरों के लिए भी मुसीबत का कारण बना हुआ है। 60 से 70 लोमडिय़ों वाला यह झुण्ड शिकार की तलाश में खेतों में घुसकर फसलें बर्बाद कर देता है। इसके अलावा इन लोमडिय़ों की वजह से मण्डला-जबलपुर स्टेट हाईवे पर सड़क हादसे भी होते हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि इस संबंध में कई बार पुलिस के जरिए वन विभाग को सूचनाएँ दी गईं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कुण्डम-मण्डला मार्ग जंगल के दायरे में आता है और यह वन्य प्राणियों का रहवास है, इसलिए नियम के तहत यहाँ किसी तरह का रेस्क्यू या छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि फसलों के नुकसान के साथ छोटे बच्चों पर हमले का डर और सड़क हादसों की रोकथाम के लिए इस झुण्ड को घने जंगल की तरफ खदेड़ा जा सकता है।  
कान्हा के जंगल से भटककर आया झुण्ड 
 वन्य प्राणी विशेषज्ञों का मानना है कि फरवरी-मार्च में मौसम के बदलाव के साथ लोमड़ी, सियार, तेंदुए और अन्य तरह के वन्य प्राणी अपने ठिकाने बदलते हैं। इसी वजह से ऐसा अनुमान है कि कुण्डम के पास सक्रिय लोमडिय़ों का झुण्ड कान्हा के जंगल से भटककर आया होगा। ग्रामीणों का कहना है कि पाँच साल पूर्व भी लोमडिय़ों का ऐसा ही झुण्ड यहाँ पहुँचा था और करीब एक महीने बाद अचानक गायब हो गया। 
 

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