बाहर की धान खपाने का  खेल, नान ने भेजे यूपी के बारदाना - जिला प्रशासन की मुहिम पर पलीता लगाने की साजिश

बाहर की धान खपाने का  खेल, नान ने भेजे यूपी के बारदाना - जिला प्रशासन की मुहिम पर पलीता लगाने की साजिश

Bhaskar Hindi
Update: 2020-11-28 12:19 GMT
बाहर की धान खपाने का  खेल, नान ने भेजे यूपी के बारदाना - जिला प्रशासन की मुहिम पर पलीता लगाने की साजिश

 डिजिटल डेस्क  कटनी । एक ओर जिला प्रशासन द्वारा उत्तरप्रदेश से आने वाली धान पकडऩे जिले भर में अभियान चलाया जा रहा है तो दूसरी ओर नागरिक आपूर्ति निगम ने जिला प्रशासन के अभियान पर पानी फेरने की पूरी तैयारी कर ली है। नागरिक आपूर्ति निगम ने खरीदी जाने वाली धान का भंडारण करने के लिए केन्द्रों में उत्तरप्रदेश के बारदाना सप्लाई किए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि अब तक जिले में तीन हजार क्विंटल से अधिक उत्तरप्रदेश एवं पंजाब की धान जब्त की जा चुकी है।  गुरुवार को बहोरीबंद तहसील के खरीदी केन्द्रों में नागरिक आपूर्ति निगम ने उत्तरप्रदेश सरकार खाद्य एवं रसद आपूर्ति विभाग अंकित सील लगे बारदाना सप्लाई किए। ऐसी स्थिति में  उत्तरप्रदेश से आने वाली धान के समर्थन मूल्य पर खपने की संभावना बढ़ गई है।
मिलर्स से सांठगांठ
बारदाना सप्लाई में नागरिक आपूर्ति निगम की मिलर्स से सांठगांठ एक बार फिर उजागर हो गई है। बताया जाता है कि नागरिक आपूर्ति निगम के पास धान खरीदी के लिए पर्याप्त बारदाना नहीं हैं। पूर्व में उपयोग हुए बारदाना मिलर्स से लेकर खरीदी केन्द्रों में सप्लाई किए जा रहे हैं। ये वही बारदाना हैं जिनमें उत्तरप्रदेश से धान आती है।
जिले भर में बारदाना का संकट
धान खरीदी नागरिक आपूर्ति निगम की लचर व्यवस्थाओं का आलम यह है कि अब तक जिले के 50 से अधिक खरीदी केन्द्रों में बारदाना नहीं पहुंच पाए हैं। जबकि धान खरीदी शुरू हुए 12 दिन बीत चुके हैं। एक माह पहले कलेक्टर द्वारा की गई समीक्षा में खरीदी के पहले व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश दिए थे पर यहां कलेक्टर के निर्देश के बाद भी अव्यवस्थाओं पर लगाम नहीं लग सकी। गुरुवार शाम तक जिले में 66 केन्द्रों में ही धान खरीदी शुरू हो पाई थी।
इनका कहना है
भारतीय खाद्य निगम ने धान भरने के लिए पुराने बारदाना दिए हैं। बारदाना कटे-फटे नहीं होना चाहिए। ऐसे बारदाना कां धान रखने के लिए उपयोग किया जा सकता है। उत्तरप्रदेश से आने वाली धान खरीदी केन्द्रों में खपाना सहज नहीं होगा। क्योंकि किसानों से ही धान खरीदी जाना है और उन्हे ऑनलाइन भुगतान होना है।
 -पीयूष माली, प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम
 

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