अवैध धार्मिक स्थलों को लेकर हाईकोर्ट सख्त, कहा- पहले बताओ कितने अवैध प्रार्थना स्थल हटाए

अवैध धार्मिक स्थलों को लेकर हाईकोर्ट सख्त, कहा- पहले बताओ कितने अवैध प्रार्थना स्थल हटाए

Anita Peddulwar
Update: 2018-08-13 13:06 GMT
अवैध धार्मिक स्थलों को लेकर हाईकोर्ट सख्त, कहा- पहले बताओ कितने अवैध प्रार्थना स्थल हटाए

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि अदालत के आदेश के तहत अब तक सरकार ने कितने अवैध प्रार्थना स्थलों को गिराया है। यह आंकड़ा देखने के बाद कार्रवाई के लिए और समय दिए जाने पर विचार किया जाएगा। इससे पहले राज्य सरकार की ओर से सहायक सरकारी वकील निशा मेहरा ने जस्टिस अभय ओक व जस्टिस रियाज छागला की बेंच के सामने एक आवेदन दायर किया।

आवेदन में मांग की गई है अदालत के आदेश के तहत अवैध प्रार्थना स्थलों के खिलाफ कार्रवाई के लिए सरकार को 6 महीने का और समय दिया जाए। सरकारी वकील ने बेंच को बताया कि सरकार ने अवैध प्रार्थना स्थलों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की है। काफी हद तक अदालत के निर्देशों का पालन किया गया है। सरकारी वकील की इन दलीलों को सुनने के बाद बेंच ने कहा कि सरकार पहले हमारे सामने इसके आकड़े पेश करे कि अब तक कितने अवैध प्रार्थना स्थल गिराए गए हैं? जब तक हम सरकार की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं होंगे, तब तक कार्रवाई के लिए अतिरिक्त समय नहीं दिया जाएगा। 

अवैध प्रार्थना स्थलों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर सोसायटी फार फास्ट जस्टिस नामक गैर सरकारी संस्था ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में दावा किया गया था कि सड़कों व दूसरे सार्वजनिक स्थलों पर बने अवैध प्रार्थना स्थलों के चलते लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। याचिका पर गौर करने के बाद हाईकोर्ट ने अक्टूबर 2016 में सरकार को 29 सितंबर 2009 के बाद सभी अवैध प्रार्थना स्थलों को गिराने का निर्देश दिया था। सरकार ने अवैध प्रार्थना स्थलों को गिराने को लेकर एक शासनादेश भी जारी किया था। जिसमें स्पष्ट किया गया था कि सरकार किन प्रार्थना स्थलों को कैसे संरक्षण देगी और किसके खिलाफ कार्रवाई करेगी। सोमवार को जब यह मामला सुनवाई के लिए आया तो सरकार ने कार्रवाई के लिए 6 महीने का और समय देने की मांग की। मामले की अगली सुनवाई 23 अगस्त को होगी।  

 

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