पानी पर हुआ इतना हंगामा कि सभा ही स्थगित कर दी

पानी पर हुआ इतना हंगामा कि सभा ही स्थगित कर दी

Tejinder Singh
Update: 2018-05-20 12:12 GMT
पानी पर हुआ इतना हंगामा कि सभा ही स्थगित कर दी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नलों में पानी नहीं आ रहा है, आता भी है तो इतनी धीमी गति से कि आवश्यकता भर पानी भर नहीं पाते हैं। जगह-जगह नलों में गंदा पानी आ रहा है। इतनी सारी समस्याओं के बाद भी कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। यदि अधिकारी ध्यान देते तो समस्या का समाधान हो गया होता। ऑरेंज सिटी वॉटर (OCW) की तमाम खामियां उजागर हुईं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। शनिवार 19 मई को टाउन हाल में आयोजित पानी की विशेष सभा में इस तरह के आरोप नगरसेवकों ने लगाए। दिन भर हुए हंगामे के बाद आखिरकार बिना निष्कर्ष पर पहुंचे महापौर नंदा जिचकार ने अनिश्चित काल के लिए सभा स्थगित कर दिया।

समाधान नहीं होने पर खिंचाई 
पानी की समस्या को लेकर महापौर ने नाम की सूची के आधार पर बोलने का मौका दिया। इसी बीच विपक्ष ने सभापक्ष को घेरना शुरू किया। पानी की समस्या को लेकर जोन स्तरीय बैठक में आईं समस्याअों का समाधान नहीं होने पर खिंचाई होने लगी। आरोप लगाया गया कि बैठकों के दौर के बाद भी कोई परिणाम नहीं निकला, क्योंकि OCW ने महापौर के निर्देशों की अनेदेखी की।

विरोध का आक्रामक रूप
हंगामे के दौरान दो बार सभा का स्थगित करना पड़ा। विपक्षी सदस्य आवाज दबाने का आरोप लगाते हुए महापौर के सामने जाकर खड़े हो गए तो भाजपा के नगरसेवक भी विपक्ष का विरोध करने वहीं पहुंच गए। चर्चा में नगरसेवक कमलेश चौधरी, संदीप सहारे, सुनील हिरणवार, मनोज गावंडे, वंदना भगत, सतीश होले, हरीष ग्वालबंसी, जगदीश ग्वालाबंसी, मोहम्मद जमाल, जितेंद्र घोडेस्वार आदि ने हिस्सा लिया।

प्रशासन सत्तापक्ष की पकड़ से बाहर
शहर में नेटवर्क एरिया का दावा किया जाता है उसके बाद भी स्थित यह बनी हुई है कि नेटवर्क एरिया में 103 से 1050 फेरी और नॉन नेटवर्क एरिया में 342 टैंकर से 2400 फेरियां लगाई जाती हैं। करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद 403 कुओं में से सिर्फ 104 कुओं को साफ किया गया। शहर में 68 कमांड एरिया में से सिर्फ 16 कमांड एरिया में 24 बाय 7 पानी आता है। महापौर के निर्देश के बाद भी OCW काम नहीं करती है, ऐसे में कंपनी पर क्या कार्रवाई की गई?

महापौर से मांगा इस्तीफा
हरीश ग्वालबंशी ने कहा कि यदि 4 दिन में काम नहीं हुआ तो महापौर नंदा जिचकार इस्तीफा देंगी क्या? मजे की बात यह है कि उसी बीच किसी और के सवाल का जवाब देते हुए महापौर ने ‘हाँ’ शब्द का प्रयोग किया। इस पर नगरसेवक ग्वालबंशी ने फिर पूछा कि यदि प्रशासन पर आपकी पकड़ नहीं बन पा रही है तो आप इस्तीफा देंगी क्या? इस पर महापौर ने कहा- बिल्कुल, कार्रवाई करेंगे। तभी भाजपा के नगरसेवक जगदीश ग्वालबंशी ने कहा कि पानी की समस्या के लिए जब किसी नगरसेवक ने इस्तीफा नहीं दिया तो महापौर क्यों दें?

लगते रहे आरोप, सवालों की भी झड़ी
नगरसेवक प्रफुल्ल गुडधे ने पूछा कि बैठक में आई शिकायतों में से कितने का निराकरण हुआ और कुआं सफाई व लघु नल योजना के 12.50 करोड़ रुपए में से कितने के काम हुए? नगरसेविका हर्षला साबले, दर्शनी धवड़ ने OCW के कर्मचारियों पर काम न करने और फोन न उठाने का आरोप लगाया। नगरसेवक संजय महाकालकर ने कहा कि 24/7 पानी का दावा किया जाता है, जबकि मेरे प्रभाग के ताजबाग वाले एरिया में न तो प्रेशर से पानी आता है और न ही हमेशा मिलता है, वहां लेवल कम होने से पानी की समस्या बनी हुई है।

फिर भी औरों से हम बेहतर
प्रवीण दटके, वरिष्ठ नगरसेवक के मुताबिक महापौर ने सभी को अपना-अपना विषय रखने के लिए समय दिया था, लेकिन कुछ नगरसेवक सिर्फ अपनी बात को रखना चाहते थे। उन्हें यह राजनीतिक कार्यक्रम लग रहा था। ज्यादा से ज्यादा समय बोलने के लिए देने के बाद भी हंगामा किया गया। मनपा पानी की समस्या पर प्रामाणिक तरीके से काम कर रही है। भले ही समस्या का समाधान नहीं हुआ हो, लेकिन अन्य शहरों की अपेक्षा हमारी स्थिति अच्छी है।
 

Similar News