कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा बैठक जीवन रक्षक इंजेक्शन उपलब्ध कराएगी राज्य सरकार

कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा बैठक जीवन रक्षक इंजेक्शन उपलब्ध कराएगी राज्य सरकार

Aditya Upadhyaya
Update: 2020-07-27 10:34 GMT
कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा बैठक जीवन रक्षक इंजेक्शन उपलब्ध कराएगी राज्य सरकार

डिजिटल डेस्क, जयपुर। 26 जुलाई। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में कोरोना के हर गंभीर मरीज को आवश्यकतानुसार जीवन रक्षक इंजेक्शन टोसिलीजूमेब और प्लाज्मा थैरेपी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि लगभग 40 हजार रूपये कीमत का यह इंजेक्शन गरीब व्यक्ति की पहुंच से बाहर है। ऐसे में, स्वास्थ्य विभाग किसी भी जरूरतमंद मरीज के लिए इस इंजेक्शन की उपलब्धता में कमी नहीं आने देगा और राज्य सरकार इसके लिए तुरन्त पर्याप्त धनराशि स्वीकृत करेगी। श्री गहलोत ने रविवार को मुख्यमंत्री निवास पर प्रदेश में कोरोना के संक्रमण की स्थिति की समीक्षा बैठक के दौरान इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्लाज्मा थैरेपी तथा टोसिलीजूमेब इंजेक्शन से कोरोना के गंभीर मरीज की जान बच सकती है, जिसका सफल प्रयोग एसएमएस अस्पताल मंे किया जा चुका है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि एसएमएस अस्पताल के साथ-साथ प्रदेश के सभी मेडीकल कॉलेजों और जिलों चिकित्सालयों में भी जरूरत के अनुसार प्लाज्मा थैरेपी और जीवन रक्षक इंजेक्शन की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। श्री गहलोत ने अधिकारियों से कहा कि राज्य सरकार के लिए प्रदेश के सभी नागरिकों का जीवन कीमती है और कोरोना से जनहानि को बचाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में संक्रमित व्यक्तियों की संख्या बढ़ी है, वहां स्थानीय चिकित्सकों की मदद के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों को भेजा जाए, ताकि मरीजों को बेहतर उपचार उपलब्ध कराया जा सके। साथ ही, निजी अस्पतालों में जांच अथवा इलाज के भर्ती होने वाले कोरोना के मरीजों की जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों के द्वारा भी नियमित एवं सघन निगरानी की जाए। प्लाज्मा डोनेशन के लिए प्रोत्साहन अभियान चलाएं मुख्यमंत्री ने कोरोना के उपचार में प्लाज्मा थैरेपी को बढ़ावा देने और उसके लिए प्रदेशभर में प्लाज्मा डोनेशन शिविर आयोजित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कोरोना से ठीक हो चुके व्यक्तियों को हैल्थ प्रोटोकॉल के अनुसार प्लाज्मा डोनेट करने के लिए रक्तदान की तर्ज पर अभियान चलाकर प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों से ऐसा प्रबधंन करने को कहा कि थैरेपी के लिए जितने प्लाज्मा की आवश्यकता है, वह हमारे बैंक में मौजूद रहे। इसके लिए जागरूकता अभियान एवं डोनेशन शिविर लगाए जाएं। बैठक में बताया गया कि जयपुर के साथ-साथ जोधपुर और कोटा में प्लाज्मा थैरेपी शुरू हो गई है। वायरस के संक्रमण पर चारों ओर से हमला करना होगा श्री गहलोत ने कहा कि कोरोना महामारी पर जीत हासिल करने के लिए वायरस के संक्रमण पर चारों ओर से हमला करना होगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि संभावित मरीजों की जांच, संक्रमित लोगों के इलाज और संक्रमण को रोकने के लिए आम लोगों को जागरूक करने के प्रयासों में कोई भी कोेताही नहीं बरती जाए। प्रदेश सरकार की असली उपलब्धि यह होगी कि राजस्थान में कोरोना की मृत्युदर न्यूनतम हो। उन्होंने कहा कि सामुदायिक संक्रमण की स्थिति का पता लगाने के लिए रेण्डम सैम्पलिंग कर टेस्टिंग की जाए। सार्वजनिक माइक सिस्टम से गली-गली में हो जागरूकता मुख्यमंत्री ने पिछले कुछ सप्ताह के दौरान आम लोगों के हैल्थ प्रोटोकॉल की पालना के प्रति लापरवाह होने पर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि इसके लिए शहरी क्षेत्रों में छोटी-छोटी गलियों और मोहल्लों में जिला प्रशासन और स्थानीय निकाय की सहायता से सार्वजनिक माइक सिस्टम के माध्यम से उद्घोषणा कर आमजन को कोरोना के लिए जागरूकता संदेश एवं चेतावनी दी जाए। साथ ही, चाय-पान की थड़ी जैसी जगहों पर मास्क पहनने, सामाजिक दूरी रखने जैसे नियमों की पालना सुनिश्चित कराने के लिए सख्ती करने के निर्देश दिए। कोरोना टेस्ट के परिणाम में देरी नहीं हो श्री गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने कोरोना के लिए काफी अधिक टेस्टिंग क्षमता विकसित कर ली है। ऐसे में, अब टेस्ट के परिणाम आने में देरी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने संदिग्ध मरीज का सैम्पल लेने के समय उसे संक्रमण ना फैले, इसके प्रति जागरूक कर उसके स्वयं के एवं अन्य परिजनों के हित में टेस्ट का परिणाम आने तक घर पर ही रहने की हिदायत दी जाए। संभावित कोरोना संक्रमित व्यक्ति के द्वारा संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए यह बहुत जरूरी है। सीमित क्षेत्र में सम्पूर्ण लॉकडाउन की पालना की जाए मुख%8

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