महाराष्ट्र के 10 शहरों में वायु प्रदूषण का बड़ा कारण ढूंढ रही है यह महिला वैज्ञानिक

महाराष्ट्र के 10 शहरों में वायु प्रदूषण का बड़ा कारण ढूंढ रही है यह महिला वैज्ञानिक

Tejinder Singh
Update: 2018-03-08 11:52 GMT
महाराष्ट्र के 10 शहरों में वायु प्रदूषण का बड़ा कारण ढूंढ रही है यह महिला वैज्ञानिक

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कुंदन साहू। विकासशील शहरों में बढ़ता प्रदूषण वैश्विक चिंता का कारण बनता जा रहा है। इस बढ़ते प्रदूषण के बड़े कारण का पता लगाने जैसी गंभीर और महत्वपूर्ण परियोजना की जिम्मेदारी नीरी की महिला वैज्ञानिक बी. पद्मा राव  के कंधों पर है। 27 वर्षों से नीरी में कार्यरत  पद्मा राव वर्तमान में एयर पॉल्युशन कंट्रोल विभाग प्रमुख और प्रधान वैज्ञानिक हैं। उन्होंने 150 से भी ज्यादा अनुसंधानों और प्रोजेक्ट में कंसल्टेंसी सेवाएं भी दी हैं। अब वे प्रदेश के दस बड़े शहरों में होनेवाले वायु प्रदूषणों के घटकों व उनके स्रोतों का पता लगाकर उसकी रोकथाम के उपायों को सुझाएंगीं।

प्रदूषण की रोकथाम के उपायों का शोध
बतौर महिला विशेष रूप से गृहिणी होने के नाते घर-संसार की जिम्मेदारियों को निभाने के साथ पर्यावरण के संतुलन को बनाए रखने के लिए प्रदूषण की रोकथाम के उपायों का शोध कर रही हैं। यह परियोजना सीएसआईआर-नीरी नागपुर, मुंबई जोनल सेंटर और आईआईटी मुंबई द्वारा मिलकर किया जा रहा है।

आसान नहीं, कठिन काम
उच्च स्तर पर आर्थिक और सामाजिक विकास के साथ ईंधन की बढ़ी खपत से भी खूब वायु प्रदूषण बढ़ा है। इससे गंभीर बीमारी मसलन कैंसर, कार्डिओवस्क्युलर बीमारियों के कारण गंभीर स्वास्थ्य परिणाम दिखाई देने लगे हैं। वायु प्रदूषण के बीच व्यक्ति विशेष के समक्ष आने वाली परेशानियों का अध्ययन कठिन काम है।

इन शहरों में होगा अध्ययन
वातावरण में पर्टिक्युलेट मैटर (पीएम -10 और पीएम 2.5) के स्रोतों के अनुपात का अध्ययन किया जा रहा है, ताकि वायु प्रदूषण के विभिन्न घटकों का पता लगाया जा सके। यह अध्ययन महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा प्रायोजित है, जिसमें महाराष्ट्र राज्य के 1- शहरों में वायू प्रदूषण के घटक स्रोतों का पता लगाकर उसकी रोकथाम के लिए उपाय किए जाएंगे। इस अध्ययन के तहत नागपुर, मुंबई, नवी मुंबई, पुणे, औरंगाबाद, चंद्रपुर, अमरावती, नाशिक, कोल्हापुर और सोलापुर शहर का समावेश होगा।

प्रदूषण के हॉट स्पॉट पता लगाएंगी
इस अध्ययन के तहत पद्मा राव अपने टीम के साथ शहर में वायु प्रदूषण की सघनतावाले स्थलों जिसे ‘हॉट स्पॉट’ कहा जाएगा, को चिन्हित करेंगी। पार्टिक्युलेट मैटर के घटकों के स्रोतों का पता लगाया जाएगा। कम अवधि और दीर्घ अवधि के एयर क्वालिटी एक्शन प्लान का रोड मैप तैयार किया जाएगा।

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