कुएं की जहरीली गैस से तीन लोगों की मौत-गाय को बचाने कुएं में उतरे थे

कुएं की जहरीली गैस से तीन लोगों की मौत-गाय को बचाने कुएं में उतरे थे

Bhaskar Hindi
Update: 2018-04-21 13:00 GMT
कुएं की जहरीली गैस से तीन लोगों की मौत-गाय को बचाने कुएं में उतरे थे

डिजिटल डेस्क रीवा । कुएं में गिरी गाय को निकालने के लिए एक-एक कर कुएं में उतरे तीनों लोगों की मौत हो गई। दस घण्टे तक चले रेस्क्यू के बाद इनके शव कुएं से काफी मशक्कत के बाद निकल पाए। इस घटना से रौसर गांव में कोहराम मचा है। एक घर से जहां पिता और पुत्र की अर्थी निकली। वहीं दूसरे घर से इकलौते बेटे की। जिला मुख्यालय से लगभग छह किलोमीटर की दूरी पर स्थित रौसर गांव के बड़ा टोला में बीती शाम आशुतोष प्रसाद मिश्रा की गर्भवती गाय घर के सामने स्थित कुएं में गिर गई थी।

इस गाय को निकालने के लिए ही एक-एक कर ये लोग कुएं में उतरे थे। लेकिन कुएं के अंदर जहरीली गैस थी, जिससे इन सभी का दम घुट गया और बाहर नहीं निकल पाए । इन्हें बाहर निकालने के लिए 10 घण्टे तक रेस्क्यू चला।  रात भर चले इस रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान प्रदेश के खनिज मंत्री राजेन्द्र शुक्ल स्वयं मौजूद रहे। कलेक्टर, एएसपी सहित अन्य प्रशासिनक अमला भी यहां रात भर रहा। सभी शव निकलने के बाद सुबह यहां से पूरा अमला वापस लौटा। प्रशासन ने शव निकलने के बाद इस कुएं को पटवा दिया है। 

दस दिन पहले बेटे ने खरीदी थी गाय 
इस घटना में अपने इकलौते बेटे आशुतोष को गवांने वाले पिता राजेश्वर ने बताया कि इस समय घर में पर्याप्त दूध नहीं हो रहा था, इसलिए बेटे ने दस दिन पहले गाय खरीदी। आशुतोष ने 12 हजार में एक भैस बेंचकर 15 हजार की गाय खरीदी थी। यह गाय गर्भवती थी। दो माह बाद इस गाय से दूध मिलना शुरू हो जाता। बेटा कहता था कि पिताजी आपको इस समय पर्याप्त दूध नहीं मिल रहा है, इसलिए मैं गाय खरीद लाया हूं। अपने बेटे की इन बातों को याद करते हुए राजेश्वर ने कहा कि न इस गाय का दूध मिलना तो दूर रहा, मेरा इकलौता बेटा भी इस दुनिया से चला गया। राजेश्वर ने बताया कि आशुतोष की गृहस्थी अभी काफी कच्ची थी। उसके छोटे-छोटे तीन बच्चे हैं। 

रामलाल भी कुएं में उतरा था, लेकिन सुरक्षित निकला 
कुएं में गाय के गिरने के बाद ग्रामीणों ने सबसे पहले रामलाल यादव को याद किया। बीमारी के बाद भी रामलाल कुएं में उतरा। लेकिन नीचे उतरते ही उसके हाथ-पांव ढीले पडऩे लगेे और वह जल्द ही बाहर निकल आया। कुआं से बाहर निकलने के बाद वह अचेत हो गया। गांव के लोगों ने समझा कि वह बीमार है, इसलिए अचेत हो गया। इसके बाद कुशल सिंह उतरे और फिर बाहर नहीं आए। इसके बाद आशुतोष और योगेश भी कुआं में समा गए। 

सब रोकते रहे और  लगा दी छलांग 
कुआं में उतरने के बाद जब काफी देर तक कुशल सिंह बाहर नहीं आए तो आशुतोष मिश्रा रस्सी के सहारे नीचे गया। लेकिन वह भी कुआं से बाहर नहीं निकला। इस बीच जैसे ही कुशल सिंह के बेटे योगेश को पता चला कि उनके पिता कुएं में उतरे और और बाहर नहीं निकले हैं, तो वह भी उतरने लगा। लेकिन ग्रामीणों ने उसे रोकना चाहा। लेकिन वह मौका मिलते ही कुआं में छलांग लगा दिया और इस तरह पिता के साथ बेटे की मौत भी हो गई। योगेश  टीआरएस कॉलेज में एम कॉम का छात्र था। 

भाजपा नेत्री का सब कुछ छिना 
भाजपा महिला मोर्चा रीवा ग्रामीण की अध्यक्ष एवं पूर्व जनपद अध्यक्ष कमला सिंह बरगाही का इस घटना में सब कुछ छिन लिया। कमला पर दु:खों का पहाड़ टूट पड़ा है। इस हादसे में उनके पति कुशल सिंह के साथ ही इकलौते बेटे योगेश की भी मौत हुई है। अपने इकलौते बेटे के लिए न जाने क्या-क्या सपने देखे थे। लेकिन इस घटना से सारे सपने चूर कर दिए। 

घरों में नहीं जले चूल्हे 
चोरहटा थाना क्षेत्र के रौसर गांव के बड़ा टोला में हुई इस हृदय विदारक घटना से हर कोई स्तब्ध है। लगभग दो सौ लोगों की इस बस्ती में इस कदर मातम है कि घरों में चूल्हे नहीं जले। पीडि़त परिवार के घरों में सुबह से ही लोगों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया। लगभग साढ़े ग्यारह बजे एसजीएमएच से पोस्टमार्टम के बाद एम्बुलेंस से तीनों शव गांव पहुंचे। शव के पहुंचते ही चीख-पुकार मच गई। दोपहर में इन तीनों का गांव में ही अंतिम संस्कार हुआ। 

चार-चार लाख की सहायता 
कुआं में गैस की वजह से मौत होने पर चार-चार लाख रूपये की सहायता  पीडि़त परिवार को किए जाने की बात कहीं गई है। प्रदेश के उद्योग मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि यह घटना दु:खद है। शासन और प्रशासन मृतक परिवार के साथ है। हर संभव मदद शासन-प्रशासन द्वारा की जाएगी।

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