कुएं में गिरा बाघ शावक, तीन घंटे की मशक्कत के बाद रेस्क्यू टीम ने बाहर निकाला

 कुएं में गिरा बाघ शावक, तीन घंटे की मशक्कत के बाद रेस्क्यू टीम ने बाहर निकाला

Bhaskar Hindi
Update: 2019-08-13 09:17 GMT
 कुएं में गिरा बाघ शावक, तीन घंटे की मशक्कत के बाद रेस्क्यू टीम ने बाहर निकाला

डिजिटल डेस्क, कटनी। जिले के बरही वन परिक्षेत्र के पिपरिया कला गांव में एक किसान के खेत में बने कुएं में गिरे बाघ शावक को मंगलवार को तीन घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद दोपहर तीन बजे कुआं से निकाल लिया गया। सोमवार की रात एक कुएं में बाघ शावक गिर गया। बाघ शावक को कुएं से निकालने के लिए टाइगर सफारी मुकुंदपुर रीवा से रेस्क्यू टीम को बुलाया गया था। यह टीम सुबह 11.30 बजे पिपरियाकला पहुंची। कुआं में छटपटाते बाघ शावक को पहले ट्रेकुलाइज किया गया और तीन घंटे की मशक्कत के बाद बाघ शावक को कुएं से निकालकर पिंजराबंद वाहन से उपचार के लिए टाइगर सफारी मुकुंदपुर भेजा गया।

मंगलवार सुबह बकरी चराने गए एक चरवाहे ने कुआं के भीतर से बाघ की गुर्राहट की आवाज सुनी तो वह ठिठक गया। चरवाहे ने समीप जाकर देखा तो एक शावक कुएं के भीतर दुबका बैठा था। बाघ शावक के कुएं में गिरने की खबर क्षेत्र में आग की तरह फैल गई और देखते ही देखते यहां ग्रामीणों की भीड़ लग गई। बाघ शावक के कुएं में गिरने की जानकारी मिलते ही वन विभाग के अधिकारी एवं पुलिस बल मौकेे पर पहुंच गया था। जिस कुएं में बाघ का शावक गिरा है, उसके चारों ओर सुरक्षा घेरा बनाया दिया था ताकि भीड़ कुएं के समीप तक नहीं पहुंचें। कुएं गिरने से बाघ शावक के घायल होने की संभावना के चलते बरही एवं कटनी से वेटनरी डॉक्टरों की टीम को भी बुला लिया गया था।

बाघिन का है मूवमेंट

बरही वन परिक्षेत्र का कुआं, झिरिया, खितौली एरिया बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व से लगा हुआ है। झिरिया नर्सरी के पास बाघ-बाघिन एवं तेंदुआ का साल भर मूवमेंट रहता है। झिरिया नर्सरी के पास यहां कुछ दिनों से दो शावकों के साथ बाघिन का मूवमेंट देखा जा रहा है। वन विभाग के रेंजर शैलेन्द्र तिवारी के अनुसार संभवत: सोमवार की रात शिकार की तलाश में बाघिन शावकों के साथ इस क्षेत्र में आई होगी और एक शावक उसी दौरान बसंत विश्वकर्मा के खेत में बने कुआं में गिर गया। कुआं में पानी नहीं होने से बाघ तलहटी में जाकर बैठ गया। शावक के कुआं में गिरने के बाद बाघिन को आसपास नहीं देखा गया, वन विभाग के अधिकारियों का अनुमान है कि पहाड़ी में बाघिन के मूवमेंट के बाद ग्रामीणों को सतर्क रहने कहा गया है।

सुबह चरवाहे ने दी कोटवार को सूचना

पिपरियाकला के अजय कोटवार के अनुसार मंगलवार सुबह लोरी कोल बकरी चराने खेतों की ओर गया था। सुबह करीब साढ़े सात बजे उसने आकर बताया कि बसंत विश्वकर्मा के खेत में बाघ का बच्चा गिर गया है। चरवाहे की सूचना पर ग्राम कोटवार ने सरपंच एवं पटवारी को जानकारी दी एवं ग्रामीणों के साथ मौके पर पहुंचकर सूचना की पुष्टि की। इसके बाद सुबह करीब आठ बजे तक बरही के नायब तहसीलदार, पुलिस एवं वन विभाग के अमले को सूचना दी। सूचना मिलते ही नायब तहसीलदार सुरेश सोनी, रेंजर शैलेन्द्र तिवारी, बरही थाना प्रभारी एन.के.पांडेय मौके पर पहुंचे और वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी दी। 

सुबह तक कुएं के पास बैठी रही बाघिन

अजय कोटवार के अनुसार बाघिन को सुबह तक कुआं के पास देखा गया था। जिस समय चरवाहा बकरियां लेकर खेतों की ओर गया था, उस दौरान भी बाघिन कुछ दूर एक शावक के साथ थी। सुबह करीब आठ बजे ग्रामीण शावक को देखने कुआं के पास पहुंचे उसी दौरान कुआं के पास से बाघिन एक शावक के साथ जंगल की ओर चली गई। अभी बाघिन का मूवमेंट पहाड़ की ओर है।

भीड़ को सौ मीटर दूर रोका

बरही थाना प्रभारी एन.के.पांडेय के अनुसार सुरक्षा की दृष्टि से ग्रामीणों की भीड़ को कुआं से सौ मीटर दूर ही रोक दिया गया था। भीड़ के कारण रेस्क्यू में व्यवधान उत्पन्न होने की संभावना के चलते ग्रामीणों को कुआं के पास नहीं जाने दिया गया। साथ ही ग्रामीणों को सतर्क रहने की समझाइश दी है। क्योंकि बाघिन का मूवमेंट पहाड़ की ओर है और शावक के कारण वह फिर से उस ओर आ सकती है। डीएफओ आर.के.राय ने बताया कि बाघ शावक को रेस्क्यू करके दोपहर तीन बजे कुआं से निकाल लिया गया था। जिसे सुरक्षित तरीके से मुकुंदपुर भेजा गया।

 

 

 

 

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