वर्चस्व की लड़ाई में बाघ की मौत, परीक्षण में दो कैनाइन पाए गए टूटे

वर्चस्व की लड़ाई में बाघ की मौत, परीक्षण में दो कैनाइन पाए गए टूटे

Bhaskar Hindi
Update: 2021-05-09 13:07 GMT
वर्चस्व की लड़ाई में बाघ की मौत, परीक्षण में दो कैनाइन पाए गए टूटे



कान्हा टाइगर रिजर्व के भैसानघाट परिक्षेत्र के गढ़ीदादर बीट से मृत बाघ का शव हुआ बरामद
डिजिटल डेस्क बालाघाट। वर्चस्व की लड़ाई में बाघ की मौत होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। करीब दस से पन्द्रह दिन पुराने शव को विभागीय तौर पर बरामद किया गया है। कान्हा टाइगर रिजर्व के भैसानघाट परिक्षेत्र के गढ़ीदादर बीट में बाघ का मृत शरीर पाया गया जिसकी विभागीय तौर पर वन्यप्राणी विशेषज्ञों द्वारा जांच की गई तो दो कैनाइन दांत टूटे पाए गए है इससे प्रथम दृष्टया संभावना व्यक्त की जा रही है की वर्चस्व की लड़ाई में बाघ की मौत हुई होगी। परीक्षण में बाघ का शव 10 से15 दिन पुराना प्रतीत होता है।
टी-44 के रूप में हुई पहचान-
विभागीय तौर पर जानकारी के अनुसार बाघ की प्रारंभिक पहचान से नर बाघ टी.44 संभावित है। बाघ के शव परीक्षण में उसके समस्त नाखून एवं दांत मौजूद पाये गये। उपलब्ध शव पर किसी प्रकार की चोट के निशान नहीं पाये गये। बाघ के दो कैनाइन दांत कुछ टूटे हुए थे।
दांत के आधार पर करीब 12 साल थी उम्र-
दांत के आधार पर उसकी उम्र लगभग 12-13 वर्ष से अधिक प्रतीत होती है। बाघ का शव परीक्षण डॉ. संदीप अग्रवाल, वन्यप्राणी चिकित्सक, कान्हा टायगर रिजर्व द्वारा किया गया एवं आवश्यक सेम्पल भी एकत्रित किये गये।
ये रहे मौजूद-
शव परीक्षण के दौरान कान्हा टायगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक, एस.के. सिंह, सहायक संचालक, एस.एस. सेंद्राम एवं  एस.के. सिन्हा तथा राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण, नई दिल्ली के प्रतिनिधि के रूप में सुश्री प्रिया बारेकर, कार्बेट फाउन्डेशन भी मौके पर उपस्थित थे। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण, नई दिल्ली के मानक निर्देशों के अनुरूप शव को जलाकर नष्ट किया गया।

 

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