पंछियों को है बचाना तो रखें थोड़ा सा पानी और थोड़ा सा दाना

भद्रावती पंछियों को है बचाना तो रखें थोड़ा सा पानी और थोड़ा सा दाना

Tejinder Singh
Update: 2022-03-22 14:56 GMT
पंछियों को है बचाना तो रखें थोड़ा सा पानी और थोड़ा सा दाना

डिजिटल डेस्क, भद्रावती. पूरी दुनिया में 20 मार्च को विश्व गोरैया दिवस मनाया जाता है। दिन-ब-दिन पर्यावरण के बदलाव के साथ गोरैया व विविध पंछियों की प्रजातियां लुप्त होने की कगार पर है। ऐसे में पंछियों को बचाने के लिए हर व्यक्ति ने अपने घर के बाहर थोड़ा पानी और थोड़ा सा दाना रखने की आवश्यकता है। यह बात पर्यावरण प्रेमी संदीप जीवने ने कहीं। उन्होंने कहा कि देसी और दुर्लभ पक्षियों के प्रति मानवीय संवेदनाएं कम होती जा रही हैं। इस कारण इनके विलुप्त होने का खतरा मंडरा रहा हंै। पेड़ों की कटाई से भी इनके आशियानें उजड़ गए हैं। सभी ने अपने अपने घरों जहां भी जगह है, वहां घोसले की तरह घर बनाकर उनके लिए दाना-पानी रखकर गौरैया औऱ अन्य पंछियों को बचाना चाहिए। इसके लिए इको-प्रो द्वारा जनजागरण किया जा रहा है। अटरिया पर चहकने वाली चिड़िया गोरैया विलुप्त हो रही हैं। बच्चे भी अब ‘चिड़िया रानी बड़ी सयानी’ गाना भूल गए हैं। यहां घर आंगन में चिड़ियों के कलरव ध्वनि सुनाई देती थी। चिड़ियों की चहचहाहट कानों में शहद घोलता था। आकाश में अग्नि, अरधंग, चील, टिटही, सिल्ली और बगुला पहरेदारी किया करते थे। समय बदला तो इन पर शामत ही आ गई। कीटनाशक दवा के बढ़ते इस्तेमाल ने इनकी दुनिया ही उजाड़ दी है। भद्रावती शहर में पिछले अनेक वर्षों से पशु पक्षियों को बचाने का मुहिम शुरू है। पर्यावरण संतुलन में अहम किरदार निभाने वाली चिड़िया लगातार कम हो रही है। इनकी कई प्रजातियां लुप्त हो रही है। इस जनजागरण कार्यक्रम में किशोर खंडारकर, हनुमान घोटकर, अमोल दौलतकार, मंगेश पढाल, प्रवीण दौलतकार, दीपेश गुरुनुले, संग्राम पढाल सहित परिसर के नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे

 घर-घर बांटे गए जलपात्र

नागभीड़ सर्वतोपरिचित पक्षीमित्र व महाराष्ट्र पक्षीमित्र संगठन के आजीवन सभासद राजेंद्र भाजे ने विश्व गौरैया दिवस के उपलक्ष्य में रविवार, 20 मार्च को गर्मी के दिनों में पक्षियों को घर-घर में पीने के पानी की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए रेलवे परिसर के माॅर्निग वाॅक संगठन के सदस्यों और शिक्षकों को मिट्टी के जलपात्र का वितरण किया। इस समय गौरैया दिवस का महत्त्व समझाते हुए पक्षियों के मानवी जीवन के महत्त्व के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर स्थानीय पार्षद व निर्माण कार्य सभापति सचिन आकुलवार ने उक्त उपक्रम के लिए पक्षीमित्र राजेंद्र भाजे का सत्कार किया। इस कार्यक्रम में पं. कृ. विश्वविद्यालय पुरस्कृत प्रगतीशील किसान व पक्षीप्रेमी अरुन नरुले, दिलीप भानारकर, संजय पातेवार, सुशील कामडी, रमेश घुटके, सुधाकर, देशमुख, प्रशांत, नान्हे, रामदास बहेकर, विजय संदोकर, शारदा कारेमोरे, अन्नाजी आदि उपस्थित थे।

 

 

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