गरीबों का राशन तो क्या नमक तक डकार गए, विक्रेताओं-अफसरों की मेहरबानी से नहीं हो रही कार्रवाई

गरीबों का राशन तो क्या नमक तक डकार गए, विक्रेताओं-अफसरों की मेहरबानी से नहीं हो रही कार्रवाई

Bhaskar Hindi
Update: 2019-05-21 08:34 GMT
गरीबों का राशन तो क्या नमक तक डकार गए, विक्रेताओं-अफसरों की मेहरबानी से नहीं हो रही कार्रवाई

डिजिटल डेस्क, कटनी। ग्रामीण क्षेत्र की राशन दुकानों से गरीबों का हक गटकने वाले दोषी विक्रेता लग्जीरियस लाईफ जी रहे हैं। इसके बावजूद ऐसे दागदार विक्रेताओं के ऊपर अफसर मेहरबान हैं। ढीमरखेड़ा तहसील के तीन विक्रेताओं की हरकतें एक अफसर ने दो वर्ष पहले पकड़ी थी, जिसमें नमक वितरण में भी गड़बड़झाला किया गया था। जिसके बाद मामला कलेक्टर न्यायालय में पेश किया गया। यहां पर न्यायालय ने राशन की कालाबाजारी में विक्रेताओं का हाथ पाते हुए 14 अगस्त 2018 को वसूली का फैसला दिया, लेकिन 9 माह बाद भी जिम्मेदार विभाग किसी तरह से राशि वसूल नहीं कर सका है। जिससे ग्रामीणों को निराशा हाथ लगी है।

ढाई लाख की वसूली
पहला मामला शासकीय राशन दुकान दशरमन का है। यहां पर इटोली ग्राम वासियों से राशन वितरण के संबंध में पूछताछ करने पर शासकीय उचित मूल्य दुकान दशरमन के विक्रेता प्रहलाद तिवारी की मनमानी सामने आई। ग्रामीणों द्वारा यह बताया गया था कि माह अप्रैल, मई, जून और जुलाई 2017 का खाद्यान्न ग्रामीणों को नहीं मिला है। मई और जुलाई माह में कुल दो दिनों ही इटोली राशन दुकान प्याज वितरण के लिए खोला गया। इस तरह से पाया गया कि विक्रेता ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली का 24.50 क्विंटल गेंहू, 55 क्विंटल चावल, 5.25 क्विंटल नमक तथा 1140 लीटर केरोसिन के अपयोजन का दोषी पाया, जिससे 2 लाख 44 हजार 270 रुपए वसूली योग्य है।

3 लाख का गटका राशन
इसी तरह से शासकीय उचित मूल्य दुकान मुरवारी के राशन विक्रेता राजेश दाहिया से भी 3 लाख 21 हजार 63 रुपए की वसूली किया जाना है। जिसमें सार्वजनिक वितरण के तहत 139 क्विंटल गेंहू, 15.32 क्विंटल चावल और 28 क्विंटल शक्कर के अपयोजन का दोषी पाया गया है। निरीक्षण में स्टॉक रजिस्टर में बड़ी मात्रा में गड़बड़ी पाई गई थी। यह गड़बड़ी जुलाई 2013 से लेकर अक्टूबर माह के बीच में विक्रेता ने की थी।

फर्जी रुप से बांटा राशन
इसी तरह से मरवारी राशन दुकान के विक्रेता रामेश्वर बर्मन ने भी अपने कार्यकाल में फर्जी तरीके से राशन बांटने का काम किया था। निरीक्षण के समय दुकान में स्टॉक पंजीयन का भौतिक सत्यापन किया गया। जिसमें 3.64 क्विंटल गेंहू और 2.27 क्विंटल चावल अधिक पाया गया। शक्कर कम और नमक अधिक मिली। इस तरह की गड़बड़ी की गई बार राशन के मामले में विक्रेता ने की। जिसमें कुल 22.8 क्विंटल गेंहू, 22.8 क्विंटल चावल,11.40 क्विंटल मक्का एवं 1.14 क्विंटल शक्कर का अपयोजन किया गया। जिसमें 94 हजार 905 रुपए वसूली के लिए पाया गया। 

इनका कहना है
तीन दुकानों में निरीक्षण के दौरान इस तरह की गड़बड़ी आई थी। इसके बाद जांच प्रतिवेदन बनाते हुए एसडीएम कार्यालय को सौंपा गया था। अभी तक वसूली की राशि के संबंध में कोई जानकारी विभाग के पास नहीं आई है।
 - बृजेश जाटव, खाद्य निरीक्षक, ढीमरखेड़ा

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