स्‍कूल के सामने है शराब की दुकान, कैसे सुरक्षित रहेंगी बेटियां?

स्‍कूल के सामने है शराब की दुकान, कैसे सुरक्षित रहेंगी बेटियां?

Bhaskar Hindi
Update: 2019-02-06 16:55 GMT
स्‍कूल के सामने है शराब की दुकान, कैसे सुरक्षित रहेंगी बेटियां?

डिजिटल डेस्क, भोपाल। हमारे समुदाय में एक स्‍कूल के सामने ही शराब की दुकान है ऐसे में हमारी बेटीयां सु‍रक्षित नहीं हो सकती, जब तक कि हम इन समस्‍याओं का समाधान न कर लें। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना व सशक्‍त समाज-सुरक्षित शहर पहल के अतंर्गत राजधानी भोपाल में आयोजित हुए प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों की तरफ से ऐसे सवाल सुनने को मिले। चांदबड़ परियोजना के सेमरा सेक्‍टर के एकतापुरी में ये आयोजन किया गया। आरंभ संस्‍था की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में शौर्या दल के लगभग 50 प्रतिभागी शामिल हुए।

संस्‍था से अमरजीत कुमार सिंह और विजय यादव ने प्रतिभागियों को बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ योजना के संबंध में व बच्‍चों से जुड़े अन्‍य मुद्दों पर जानकारी दी। भ्रूण हत्‍या, बाल श्रम, बाल विवाह, बाल हिंसा व बाल लैंगिक हिंसा पर विस्‍तार से चर्चा की गई और इनसे संबंधित कानूनों पर उन्‍हें जानकारी प्रदान कि गई। ऐसे मामलों में सूचना किन्‍हें दी जा सकती है इस संबंध में भी उन्‍हें जागरूक किया गया। इस दौरान किशोरियों ने कई सवाल भी किए जिनका उत्‍तर उसी समय दिया गया। प्रतिभागियों ने इस दौरान आश्वासन दिया कि वह अपनी जानकारी का उपयोग अपने-अपने क्षेत्र की सभी किशोरियों और लड़कों को समझाइश देने के लिए करेंगे। साथ ही प्रशिक्षण में बच्‍चों से बाल विवाह के मुद्दों पर फ्लिप बुक की सहायता से बात करने एवं उन्‍हें जागरूक करने हेतु प्रशिक्षित किया गया।

बता दें कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना एवं सशक्‍त समाज- सुरक्षित शहर पहल के बैनर तले भोपाल शहर में सभी आंगनवाड़ी केन्‍द्रों की सहायिका, कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता एवं आंगनवाड़ी द्वारा बस्‍ती स्‍तर पर बनाए गए शौर्या दल के सदस्‍यों का प्रशिक्षण एवं उन्‍मुखीकरण का आयोजन आंगनवाड़ी केन्‍द्र पर ही हो रहा है। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान का संचालन महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के द्वारा किया जा रहा है जबकि सशक्‍त समाज एवं सुरक्षित शहर पहल का संचालन भोपाल आधारित स्‍वयंसेवी संस्‍थाओं एवं युनिसेफ के सहयोग से किया जा रहा है।

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