अंडर ग्रेजुएट कॉलेजों में कॉमन शेड्यूल के अनुसार होंगे एडमिशन, यूनिवर्सिटी  को भेजना होगा ब्योरा

अंडर ग्रेजुएट कॉलेजों में कॉमन शेड्यूल के अनुसार होंगे एडमिशन, यूनिवर्सिटी  को भेजना होगा ब्योरा

Anita Peddulwar
Update: 2019-05-25 10:25 GMT
अंडर ग्रेजुएट कॉलेजों में कॉमन शेड्यूल के अनुसार होंगे एडमिशन, यूनिवर्सिटी  को भेजना होगा ब्योरा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। यूनिवर्सिटी ने अपने अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों की प्रवेश प्रक्रिया की घोषणा कर दी है। 12वीं स्टेट बोर्ड के नतीजे आने के तुरंत बाद आवेदन शुरू हो जाएंगे। स्टूडेंट्स को 22 जून तक आवेदन जमा करने होंगे। इसके बाद 28 जून को दोपहर 2 बजे मेरिट लिस्ट जारी होगी। 28 जून से 3 जुलाई के बीच स्टूडेंट्स को कॉलेज में जाकर प्रवेश निश्चित कराने होंगे। इसके बाद 4 से 6 जुलाई के बीच खाली बची सीटों पर वेटिंग लिस्ट वाले आवेदकों को प्रवेश दिया जाएगा। इसके बाद 8 जुलाई से लेकर यूनिवर्सिटी  द्वारा निर्धारित तिथि तक कॉलेजों में स्पॉट एडमिशन हो सकेंगे। यूनिवर्सिटी  ने साफ किया है कि कॉलेजों को 6 जुलाई तक हुए प्रवेशों का पूरा ब्योरा यूनिवर्सिटी  के कॉलेज सेक्शन को भेजना होगा। यह भी बताना होगा कि उनके पास कितनी सीटें खाली बची हैं। 

पिछले वर्ष यह थी संख्या
दरअसल, नागपुर यूनिवर्सिटी  ने पिछले वर्ष से सभी गैर व्यावसायिक कॉलेजों के लिए कॉमन एडमिशन शेड्यूल के तहत प्रवेश प्रक्रिया आयोजित करना शुरू किया है। इस शेड्यूल के ही अनुसार मेरिट लिस्ट के आधार पर कॉलेजों को अपनी प्रवेश प्रक्रिया आयोजित करनी होती है। पिछले वर्ष इस प्रक्रिया से यूनिवर्सिटी  से सम्बद्ध कॉलेजों में आर्ट्स की 40 हजार, कॉमर्स की 30 हजार, साइंस की 35 हजार, होम साइंस की 400 और होम इकोनॉमिक्स की 500 सीटों पर प्रवेश हुए थे। ऐसे में एक बार फिर यूनिवर्सिटी  इसी शेड्यूल के अनुसार प्रवेश प्रक्रिया आयोजित करेगा।

किया था नियमों का उल्लंघन
उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष कॉमन एडमिशन शेड्यूल के ही अनुसार मेरिट लिस्ट के आधार पर कॉलेजों को अपनी प्रवेश प्रक्रिया आयोजित करनी थी, लेकिन नागपुर में कई कॉलेजों ने शेड्यूल की अनदेखी करके अपनी मनमर्जी अनुसार एडमिशन दिए। कॉलेजों में दो तरह की सीटें होती हैं, अनुदानित और गैर अनुदानित। कॉलेजों में एडमिशन के लिए पहुंच रहे स्टूडेंट्स को अनुदानित सीटें फुल होने की जानकारी दी गई। स्टूडेंट्स से भारी डोनेशन वसूल कर प्रवेश दिए गए, लेकिन यूनिवर्सिटी  इन पर कार्रवाई करने में असमर्थ रहा। इस साल प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए यूनिवर्सिटी  क्या कदम उठाता है, इस पर शिक्षा वर्ग की नजर रहेगी।

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