स्कूल में अज्ञात बदमाशों का हमला, महत्वपूर्ण दस्तावेज किए आग के हवाले
स्कूल में अज्ञात बदमाशों का हमला, महत्वपूर्ण दस्तावेज किए आग के हवाले
डिजिटल डेस्क, उमरियापान/कटनी। ढीमरखेड़ा तहसील अंतर्गत स्थित झिन्ना पिपरिया के हाईस्कूल को निशाना बनाते हुए रात में अज्ञात तत्वों ने धावा बोला। ताला तोड़कर विद्यालय के कार्यालय में प्रवेश करने के बाद तत्वों ने आलमारी में तोड़फोड़ करने के बाद महत्वपूर्ण दस्तावेजों को आग के हवाले कर दिया। आग से आलमारी में रखे सभी दस्तावेज जलकर खाक हो गए। इसके अलावा कार्यालय की टेबल पर रखे दस्तावेजों को भी तत्वों ने आग लगा दी। गुरूवार की दरम्यानी रात हुई घटना की जानकारी प्राचार्य को सुबह उस वक्त लगी जब सफाई कर्मचारी स्कूल में साफ सफाई करने के लिए पहुंचा।
सफाई कर्मचारी ने दी सूचना
सफाई कर्मचारी सोनू दाहिया के द्वारा परिसर की साफ सफाई करने के दौरान जब कार्यालय के दरवाजे पर नजर पड़ी तो ताला टूटा और दरवाजा खुला होने पर उसे किसी घटना कीआशंका हुई। तत्काल सफाई कर्मी सोनू ने इसकी सूचना प्राचार्य जे एस बरकडे को दी। प्राचार्य ने शिक्षकों के साथ स्कूल पहुंचकर स्थिति देखी और दस्तावेज जले होने पर इसकी सूचना पुलिस थाना ढीमरखेडा को दी गई है। प्राचार्य श्री बरकडे ने बताया कि जिस अलमारी के दस्तावेजों को आग के हवाले किया गया है, उसमें विद्यालय प्रवेश व परीक्षा से संबंधित अनेक महत्वपूर्ण दस्तावेज मौजूद थे। ढीमरखेड़ा पुलिस ने प्राचार्य के द्वारा दी गई शिकायत पर अज्ञात के खिलाफ विद्यालय में घुसकर तोड़फोड़ करने और दस्तावेज जलाने का मामला दर्ज करते हुए आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।
बिना स्वीकृति माईंस चलाने पर डेढ़ साल की सजा
न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी कटनी ने जल, वायु सम्मति एवं पर्यावरणीय स्वीकृति के बिना लाइम स्टोन माइंस चलाने पर तीन लोगों को डेढ़ साल की सजा से दंडित किया है। मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी एच.के.तिवारी ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कटनी द्वारा श्रीमती विद्यादेवी दुबे, अशोक दुबे, अनुभव दुबे द्वारा संचालित लाइम स्टोन माइंस रकबा 25.32 एकड़ ग्राम बड़ारी तहसील विजयराघवगढ़ में बोर्ड की बिना जल/ वायु सम्मति एवं पर्यावरणीय स्वीकृति के बिना संचालित करने पर संचालकों के विरुद्ध न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी कटनी के न्यायालय में इश्तगाशा पेश किया था।
प्रकरण की अंतिम सुनवाई में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी नीरज पवैया ने वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम की धारा 21 सहपठित धारा 37 के अंतर्गत एक साल छह माह के कारावास एवं पांच सौ रुपए के अर्थदण्ड तथा जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम की धारा 25/26 सहपठित धरा 44 में भी डेढ़ साल के सश्रम कारावास एवं पांच सौ रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।