समृद्धि महामार्ग निर्माण के लिए चोरी की मिट्टी-मुरुम का इस्तेमाल, हाईकोर्ट ने दिए जांच के आदेश

समृद्धि महामार्ग निर्माण के लिए चोरी की मिट्टी-मुरुम का इस्तेमाल, हाईकोर्ट ने दिए जांच के आदेश

Tejinder Singh
Update: 2019-12-10 16:05 GMT
समृद्धि महामार्ग निर्माण के लिए चोरी की मिट्टी-मुरुम का इस्तेमाल, हाईकोर्ट ने दिए जांच के आदेश

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर-मुंबई समृद्धि महामार्ग के निर्माण मंे चोरी के मिट्टी-मुरुम के इस्तेमाल का मामला सामने आया है। मामले में फरियादी कोजी प्रोपर्टिज प्राइवेट लिमिटेड ने बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ की शरण लेकर सड़क निर्माता ठेकेदार एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड और सहायक ठेकेदा एमपी कंस्ट्रक्शंस पर मिट्टी-मुरुम चोरी का आरोप लगाया है। मामले में याचिकाकर्ता का पक्ष सुनकर हाईकोर्ट ने वर्धा पुलिस अधिक्षक को मामले की जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई करने वाली एफकॉन्स कंपनी को भी मामले में प्रतिवादी बनाने को कहा है। मामले में याचिकाकर्ता की ओर से एड. फिरदौस मिर्जा ने पक्ष रखा।

यह है मामला

याचिकाकर्ता के अनुसार उनकी वर्धा जिले के केलझर, गणेशपुर, खापरी, किन्हाला और आमगांव में 1 हजार एकड़ जमीन है। राज्य सरकार द्वारा एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड को खड़की-आमगांव तक की करीब 55 किमी के सड़क निर्माण का ठेका दिया गया था। याचिकाकर्ता के अनुसार उनके एक किसी कर्मचारी के ध्यान में आया कि नागपुर-मुंबई समृद्धि महामार्ग के निर्माणकार्य से जुड़े कुछ ठेकेदार उनकी जमीन पर घुस आए और वहां से मिट्टी-मुरुम खोद कर ले गए। इस बात पर 30 जुलाई 2019 को सेलू पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। लेकिन पुलिस ने मामले में कोई एफआईआर नहीं दर्ज की। इधर याचिकाकर्ता ने जिला खनन अधिकारी से पता किया कि ठेकेदारों ने खुदाई के लिए किसी प्रकार की अनुमति नहीं ली थी।

20 दिन के विलंब के बाद अंतत: पुलिस ने एफकॉन्स के प्रोजेक्ट मैनेजर अनिल कुमार और एमपी कंस्ट्रक्शंस के आशीष दफ्तारी के खिलाफ भादवि 379, 477, 427, 120-बी और 34 के तहत मामला दर्ज किया। याचिकाकर्ता का दावा है कि पुलिस ने एफआईआर में जानबूझ कर कई खामियां छोड़ दीं। जिस पर याचिकाकर्ता ने वर्धा पुलिस अधिक्षक के पास शिकायत की। लेकिन इस पर कोई समाधान नहीं निकलने से उन्होंने हाईकोर्ट की शरण ली।

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