"खेती-किसानी" किसान भाईयों को कृषि विभाग की खरीफ फसलों के लिए उपयोगी सलाह -

"खेती-किसानी" किसान भाईयों को कृषि विभाग की खरीफ फसलों के लिए उपयोगी सलाह -

Aditya Upadhyaya
Update: 2020-08-11 07:39 GMT
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!

डिजिटल डेस्क, गुना। उप संचालक किसान कल्‍याण तथा कृषि विकास श्री अशोक कुमार उपाध्‍याय द्वारा जिले के किसान भाईयों को सलाह दी है कि वे उड़द व मूंग की फसल में पीलो मौजेक रोग के नियंत्रण हेतु रोगी पौधे को खेत से उखाड़कर मिट्टी में दबाकर नष्ट करें। सफेद मक्खी कीट की रोकथाम हेतु थायोमिथाक्जाम 70 डब्लू.जी. 100 ग्राम दवा 500 से 600 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति हेक्टर में छिडकाव करें। उन्‍होंने बताया कि सोयाबीन फसल में पीला मोजेक वायरस बीमारी के फैलाव को रोकने हेतु प्रारम्भिक अवस्था में ही अपने खेत में जगह-जगह पर पीला चिपचिपा ट्रेप लगाएं। जिससे इसका संक्रमण फैलाने वाली सफेद मक्खी का नियंत्रण होने में सहायता मिल सके। उन्‍होंने रोग के लक्षण दिखते ही ग्रसित पौधों को अपने खेत से उखाड़कर मिट्टी में दबाकर नष्ट करने, रासायनिक नियंत्रण हेतु इस रोग को फैलाने वाली सफेद मक्खी के नियंत्रण के लिए थायोमिथाक्सम लेम्वडा सायहेलोथ्रिन 125 मिली प्रति हेक्टेयर का छिडकाव करने की सलाह दी है। उन्‍होंने सोयाबीन में पत्ती खाने वाली इल्लियों सेमीलुपर तथा तम्बाकु की इल्लियों के नियंत्रण हेतु क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 18.5 एस.सी. 100 मिली प्रति हेक्टर की दर से छिडकाव करने, सोयाबीन में इस समय चक्रभंग गर्डल बीटल का प्रकोप प्रारम्भ होने की संभावना को देखते हुये नियंत्रण हेतु थाईक्लोपिड 21.7 एस.सी. की 750 मिली मात्रा प्रति हेक्टेयर का छिडकाव 500 लीटर पानी के साथ मिलाकर करने तथा मक्का फसल की 40-45 दिन की अवस्था पर यूरिया नत्रजन उर्वरक की टॉप ड्रेसिंग तीन बैग प्रति हैक्टेयर की दर से करने की सलाह भी किसान भाईयों को दी है।

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