पानी के लिए परेशान ग्रामीणों ने मॉयल और भरवेली के बोरवेल पर लगाया ताला

पानी के लिए परेशान ग्रामीणों ने मॉयल और भरवेली के बोरवेल पर लगाया ताला

Bhaskar Hindi
Update: 2018-04-30 08:28 GMT
पानी के लिए परेशान ग्रामीणों ने मॉयल और भरवेली के बोरवेल पर लगाया ताला

डिजिटल डेस्क बालाघाट। सीएसआर मद से मॉयल क्षेत्र के लोगों की मूलभुत सुविधाओ को पूरा करने की जिम्मेदारी मॉयल प्रबंधन की है किन्तु जिले का मॉयल प्रबंधन अब अपनी जिम्मेदारी से भागने का प्रयास कर रहा है। विगत 20 दिनों से भी ज्यादा समय से पानी के लिए तरस रहे आंवलाझरी पंचायत के ग्रामीणों ने 29 अप्रैल को अपना आक्रोश जाहिर करते हुए पंचायत क्षेत्र में बने मॉयल और भरवेली पंचायत के बोरवेल पर ताला लगा दिया और मॉयल प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की है। ग्रामीणों का आक्रोश पंचायत के सरपंच और क्षेत्रीय जिला पंचायत प्रतिनिधि पर भी देखने को मिला। जिला पंचायत प्रतिनिधि पति के खिलाफ ग्रामीणों ने मुर्दाबाद के नारे लगाए।

बहरहाल ग्रामीणों के पानी के लिए तीन घंटे के प्रदर्शन के बाद एक मॉयल अधिकारी पहुंचे किन्तु मीडिया के कैमरों को देखकर वे उल्टे पांव भाग खड़े हुए। मीडिया के सामने ग्रामीणों से मॉयल प्रबंधन आखिर क्यों चर्चा नहीं करना चाहता था, यह समझ नहीं आया। हालांकि तहसीलदार श्री वर्मा के साथ मॉयल अधिकारी ने ग्राम के लोगों की पेयजल समस्या पर चर्चा की किन्तु तहसीलदार द्वारा दिए गये ग्रामीणों को आश्वासन का भी असर शाम तक नजर नहीं आया। कुल मिलाकर आंवलाझरी के ग्रामीणों का रविवार दिन भी बिना पानी के गुजरा। 

जानकारी अनुसार शाम को मॉयल ने एक टैंकर भेजकर आंवलाझरी के 20 ग्राम पंचायत की प्यास बुझाने का प्रयास किया। जिसमें भी ग्रामीणों को पूरा पानी नहीं मिल सका। पंचायत के ग्रामीणों की मानें तो वे एक दिन और इंतजार कर पानी के लिए उग्र आंदोलन करेंगे और मॉयल प्रबंधन को इसका सबक सिखायेंगे। मॉयल की यह जिम्मेदारी है कि वह अपने क्षेत्र से लगे कुछ गांवों को सीएसआर मद से उस गांव की आवश्यकता को पूरा करें।

जानकारी के अनुसार 2014-15 में मॉयल द्वारा सीएसआर योजना के तहत आंवलाझरी की पेयजल व्यवस्था को दुरूस्त करने के लिए 10 लाख रूपये की राशि मॉयल बालाघाट को मिली थी किन्तु अधिकारियों की गैर जिम्मेदाराना कार्यप्रणाली के कारण उस राशि को बिना उपयोग किये ही भरवेली मॉयल प्रबंधन द्वारा लौटा दिया गया। जिससे आंवलाझरी के पंचायत के खराब बोरवेल के साथ ही एक अन्य बोरवेल में मशीन लगाकर पंचायत की पेयजल व्यवस्था को बनाये रखे जा सकता था किन्तु भरवेली मॉयल प्रबंधन की गलती का खामियाजा आज पंचायत के लोगों को पेयजल समस्या के रूप में भोगना पड़ रहा है। 

इनका कहना है 
ग्रामीणों की पेयजल समस्या को लेकर मॉयल प्रबंधन से चर्चा की गई है। साथ ही पीएचई विभाग को भी निर्देशित किया जायेगा कि वह गांव की पेयजल समस्या को लेकर सकारात्मक पहल करें। 
आर वर्मा, तहसीलदार

 

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