विनोबा भावे के अनुयायियों ने  कभी नहीं किया मतदान, नहीं पहुंचा कोई प्रत्याशी

विनोबा भावे के अनुयायियों ने  कभी नहीं किया मतदान, नहीं पहुंचा कोई प्रत्याशी

Anita Peddulwar
Update: 2019-10-17 08:49 GMT
विनोबा भावे के अनुयायियों ने  कभी नहीं किया मतदान, नहीं पहुंचा कोई प्रत्याशी

डिजिटल डेस्क, वर्धा। देश के लोकतंत्र को मजबूती प्रदान करने में मतदाताओं की अहम भूमिका होती है, पवनार स्थित आचार्य विनोबा भावे आश्रम चुनाव से दूर रहा है। आश्रम में रहने वाले विनोबा भावे के अनुयायियों ने न कभी मतदान किया और न ही कभी किसी चुनाव प्रक्रिया में हिस्सा लिया। विधानसभा का कोई प्रत्याशी भी अभी तक प्रचार के लिए आश्रम में नहीं आया। वर्धा शहर से लगभग 9 कि.मी. दूरी पर पवनार गांव स्थित धाम नदी के किनारे आचार्य विनोबा भावे का आश्रम है। भूदान आंदोलन के प्रणेता विनोबा भावे ने वर्ष 1934 में इस आश्रम का निर्माण करवाया था। यह आश्रम आज भी विनोबा के विचारों पर चलता है। आश्रम में लगभग 28 अनुयायी हैं और सभी के मतदाता पहचान-पत्र भी बने हुए हैं। बावजूद इसके विनोबा के अनुयायियों ने कभी न किसी चुनाव प्रक्रिया में हिस्सा लिया और न ही अब तक किसी प्रत्याशी को अपना वोट दिया। आश्रम की सुबह प्रार्थना के साथ होती है और आज भी श्रम आधारित खेती की जाती है। आचार्य विनोबा भावे के आश्रम को देखने देश-विदेश से नागरिक आते हैं।। पवनार आश्रम वर्धा विधानसभा क्षेत्र में आता है और यहां से भाजपा-शिवसेना रिपाई युति के डा. पंकज भोयर तथा कांग्रेस- राकांपा-गठबंधन के शेखर प्रमोद शेंडे सहित 10 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। चार दिन बाद विधानसभा चुनाव है। चुनाव प्रचार भी चरम पर है, लेकिन अभी तक कोई प्रत्याशी प्रचार के लिए आश्रम में नहीं आया है।

 

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