नाव से मतदान करने आते हैं इस गांव के मतदाता, आजतक नहीं बना रास्ता

नाव से मतदान करने आते हैं इस गांव के मतदाता, आजतक नहीं बना रास्ता

Bhaskar Hindi
Update: 2019-03-18 18:50 GMT
नाव से मतदान करने आते हैं इस गांव के मतदाता, आजतक नहीं बना रास्ता

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिले के पारशिवनी तहसील में आनेवाला किरंगी सर्रा ऐसा गांव है, जहां अब तक सड़क नहीं बन सकी है। यहां के मतदाता 5 साल में एक बार कोलीतमारा गांव आकर अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर अपने गांव चले जाते हैं। सड़क मार्ग नहीं होने से यहां के लोग नाव से आकर अपने मताधिकार का इस्तेमाल करते हैं। पारशिवनी तहसील के किरंगी सर्रा गांव में 100 से कम मतदाता हैं। कोलीतमारा तक सड़क मार्ग है और इसके बाद नदी है, जहां से पेंच डैम का पानी बहते रहता है। नदी के उस पार किरंगीसर्रा गांव है। मतदान केंद्र कोलीतमारा गांव में है। जिला प्रशासन की तरफ से 100 से भी कम मतदाताओं के लिए चुनाव के दिन बोट की व्यवस्था की जाती है। लोग अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर वापस बोट से अपने गांव चले जाते है। शाम 5 बजे के बाद बोट भी बंद हो जाती है। यह परिसर वन विभाग के अंतर्गत आता है। बोट वन विभाग द्वारा मुहैया की जाती है। तिरंगीसर्रा के लोगों का संपर्क रामटेक, पवनी व दावदा क्षेत्र से है, जहां सड़क मार्ग उपलब्ध है। यहां के लोग दैनिक कार्यों के लिए रामटेक, पवनी या दावदा जाते हैं।

पुल बनाने की बातें ही हुई
नदी पर पुल बनाने की चर्चा कई बार हुई। यह गांव सावनेर विधान सभा क्षेत्र में आता है। विधायक सुनील केदार ने नदी पर पुल बनाने के संबंध में लोगों व अधिकारियों से चर्चा की, लेकिन अब तक नदी पर पुल नहीं बन सका। पुल नहीं बनने से किरंगीसर्रा गांव का कोलीतमारा से दैनिक काम के लिए संपर्क नहीं है। चुनाव राष्ट्रीय पर्व है और इस राष्ट्रीय पर्व पर कोई मताधिकार से वंचित न रहे, इसलिए जिला प्रशासन इस गांव के लोगों के लिए बोट की व्यवस्था करता है।

इन गांवों में बस से नहीं जाती पोलिंग पार्टी
पारशिवनी तहसील के अंतर्गत आनेवाले घाटकुकडा व घाटपेंडरी में पोलिंग पार्टी (चुनाव में लगे कर्मचारी) जीप से पहुंचती है। वन परिसर में आनेवाला यह इलाका घाटों का है और संकरे व घुमावदार (कर्व) रास्तों पर बस चलाना खतरनाक माना जाता है। चुनाव ड्यूटी में लगे जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन के कर्मचारी जीप से ही मतदान केंद्र तक पहुंचते हैं।

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