रिटायर्ड रेंजर के अपहरण में वांटेड हैं गोप्पा गैंग, डकैतों के स्कैच जारी

रिटायर्ड रेंजर के अपहरण में वांटेड हैं गोप्पा गैंग, डकैतों के स्कैच जारी

Bhaskar Hindi
Update: 2017-10-24 08:04 GMT
रिटायर्ड रेंजर के अपहरण में वांटेड हैं गोप्पा गैंग, डकैतों के स्कैच जारी

डिजिटल डेस्क सतना/रीवा। एसटीएफ के हाथों सरदार की गिरफ्तारी के बाद तराई में अस्तित्व बनाए रखने की कोशिश के दौरान रीवा जिले के डभौरा थाना क्षेत्र से रिटायर्ड रेंजर का अपहरण कर फिरौती मांगने वाले पांच डकैतों की पहचान पुलिस ने कर ली है।  अलग-अलग माध्यमों से जुटाई गई जानकारी के आधार पर उनके स्केच जारी कर दिए गए। उसके साथ ही तराई में व्यापक सर्च आपरेशन भी छेड़ दिया गया है। रीवा रेंज के आईजी अंशुमान यादव के निर्देश पर रीवा पुलिस के साथ सतना पुलिस की कई टीमेंं सीमावर्ती क्षेत्र में डकैतों को घेरने में जुट गई है। इसके अलावा उत्तरप्रदेश के चित्रकूट जिले की पुलिस से भी मदद ली जा रही है।  गौरतलब है कि डभौरा कस्बा निवासी वन विभाग के सेवानिवृत्त रेंजर प्रभुनाथ त्रिपाठी का दस्यु गोप्पा यादव गिरोह के हथियारबंद सदस्यों ने उस समय अपहरण कर लिया था जब वे मार्निंगवॉक के लिए निकले थे। श्री त्रिपाठी का अपहरण करने के बाद आरोपी उन्हें छह दिनों तक सीमावर्ती जंगल में बंधक बनाकर रखा और उनके परिवारजनों से पांच लाख की फिरौती की मांग की  थी।  इस सनसनीखेज वारदात के सामने आने पर पुलिस ने तराई में व्यापक अभियान चलाकर एक मुठभेड़ के दौरान रिटायर्ड रेंजर को डकैतों के चंगुल से आजाद करवा लिया था लेकिन बदमाश हाथ नहीं आये थे। ज्ञात हो कि इस गिरोह का सरगना गोप्पा यादव जुलाई माह में यूपीएसटीएफ के हत्थे चढ़ गया था तब वह पत्नी व परिवार के लोगों के साथ इलाहाबाद भागने की तैयारी कर रहा था।
भागते फिर रहे हैं बदमाश
दो माह पूर्व मुठभेड़ में तीस हजार के इनामी ललित पटेल को सतना पुलिस ने मार गिराया था जबकि गंैग के अन्य सदस्यों को पकडकऱ सलाखों के पीछे पहुंचा दिया था वहीं उत्तरप्रदेश की पुलिस ने बबुली कोल गिरोह पर शिकंजा कस दिया है। इस वजह से तराई में फिलहाल शांति बनी हुई है।
गौरी यादव की शरण में चले गए बचे डकैत
तराई के जानकारों की माने तो सरगना के पकड़े जाने के बाद से अस्तित्व बचाये रखने की जद्दोजहद में लगे गैंग के सदस्यों ने कुछ समय तक छिटपुट वारदात कर दहशत बनाये रखने की कोशिश की लेकिन जब दोनों राज्यों की पुलिस का दबाव पड़ा तो गोप्पा के संरक्षक व पौने दो  लाख के इनामी गौरी यादव की शरण में जा पहुंचे। इनके पास सेमी ऑटो मैटिक राइफल के अलावा 315 बोर की कई असलहे हैं। कभी सुंदर पटेल और बलखडिय़ा के साथ रहे गोप्पा यादव ने बाद में गौरी का दामन थाम लिया था जिसके साथ मिलकर दिल्ली पुलिस के एएसआई की हत्या को अंजाम दिया और फिर अलग गैंग बाद कर्वी जिले के रैपुरा थाना क्षेत्र के तीन लोगों की हत्या कर सुर्खियों में आ गया। उसने अपने गांव के विरोधी को दिनदहाड़े घेरकर गोलियों से भून दिया था। खूखार डकैत ने कई बार यूपी पुलिस से सीधी मुठभेड़ भी की थी।

 

Similar News