भरी बरसात में पानी की किल्लत से जूझ रहे ग्रामीण -दूर से लाना पड़ता है पानी, एक वर्ष बाद भी नहीं बदला जला मोटर

भरी बरसात में पानी की किल्लत से जूझ रहे ग्रामीण -दूर से लाना पड़ता है पानी, एक वर्ष बाद भी नहीं बदला जला मोटर

Bhaskar Hindi
Update: 2020-06-25 09:43 GMT
भरी बरसात में पानी की किल्लत से जूझ रहे ग्रामीण -दूर से लाना पड़ता है पानी, एक वर्ष बाद भी नहीं बदला जला मोटर

डिजिटल डेस्क शहडोल । बरसात पूर्व पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित कराने प्रशासन के दावों की पोल खुलने लगी है। जनपद पंचायत सोहागपुर के ग्राम पंचायत कटहरी की बैगा आदिवासी बस्तियों के लोग भरी बरसात में जल संकट से जूझ रहे हैं। इन बस्तियों मेें लगे हैण्डपंप जवाब दे चुके हैं। कुछेक हैण्डपंप में मोटर लगाए गए थे, जो जल चुके है। एक वर्ष बाद भी पंचायत द्वारा बदलने की पहल नहीं की गई। जिसके कारण आदिवासियों को दूर से पीने और निस्तार का पानी लाना पड़ता है। गांव के उपसरपंच जब अपने निजी ट्यूबवेल से बस्ती के कुंए में पानी भरते हैं तब इन्हें पानी मिल पाता है। यह सिलसिला पूरी गर्मी तक चला। अब बरसात के बाद भी आदिवासी पानी के लिए परेशान हैं। 
निर्देश का नहीं हुआ पालन
कटहरी पंचायत में पेयजल की किल्लत को देखते हुए कलेक्टर द्वारा मौखिक आदेश दिया था कि हैण्डपंप में मोटर व टंकी लगवाए जाएं। एक स्थान पर मोटर तो लगाया लेकिन टंकी नहीं लगाई, जिससे मोटर जल गया। उपसरपंच अरुण तिवारी द्वारा 5-5 हजार लीटर की दो टंकियां खरीदी गई, लेकिन पंचायत ने भुगतान नहीं किया, जिससे उन्हें नहीं लगाया जा सका। इधर जले मोटर के स्थान पर नया लगवाने सचिव को कई बार कहा गया लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया। 
एक साल हैं परेशान
कटहरी के वार्ड नबंर 7 अंतर्गत बैगा बस्ती में 15-20 घर तथा मुख्य बैगा बस्ती में दर्जनों घर बने हुए हैं। दोनों बस्तियों में एक साल से पानी की समस्या है। समनू बैगा, मंगलू, नानू भाई, जमुना सिंह, गंगा सिह ने बताया कि उन्हें 5-6 मीटर दूर से पानी लाना पड़ता है। यदि किसी के यहां कोई कार्यक्रम हो या गमी हो तो परेशानी हो जाती हैै। यदि उपसरपंच जैसे लोग अपने बोर से पानी न दें तो हम लोग प्यासे रह जाएं।
इनका कहना है
पूरे मामले की
जानकारी लेकर आवश्यक पहल कराई जाएगी। पेयजल संकट दूर करने प्रयास किया जाएगा।
ममता तिवारी, सीईओ जनपद सोहागपुर
 

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