भाई नदी में डूबा तो सदमें में छोटे ने लगा ली फांसी
मातम में बदली नववर्ष की खुशियां, एक साथ दो भाईयों की चिता जलती देख सभी की नम हुई आंखें भाई नदी में डूबा तो सदमें में छोटे ने लगा ली फांसी
डिजिटल डेस्क शहडोल। जिला मुख्यालय से सटे थाना सोहागपुर अंतर्गत ग्राम कोटमा में नए साल की खुशियां मातम में बदल गईं। गांव का उपेंद्र मिश्रा 27 वर्ष एक जनवरी को अपने पांच दोस्तों के साथ सोन नदी के किनारे पिकनिक मनाने गया था। नहाते समय गहरे पानी में डूबने से उसकी मौत हो गई। यह खबर मिलने के बाद उसके छोटे भाई 25 वर्षीय शिवेंद्र उर्फ शिब्बू मिश्रा को इतना सदमा लगा कि डूबे भाई का शव मिलने के पहले ही घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया। वहीं बड़े भाई सुदीप मिश्रा अचेत हो गया।
जानकारी के अनुसार उपेंद्र मिश्रा ग्राम नरवार के पास सोन नदी के किनारे पिकनिम मना रहा था। दोस्तों के साथ नहाने उतरा और गहरे पानी में लापता हो गया। सूचना पर पुलिस ने देर शाम तक तलाश किया लेकिन सफलता नहीं मिली। दूसरे दिन रविवार की सुबह गोताखारों ने नदी से उपेंद्र का शव बरामद किया। टीआई वायएस परिहार ने बताया कि दोनों शवों का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया गया। जहां रविवार को दोनों का अंतिम संस्कार किया गया।
बहन से कहा कि परिवार का ख्याल रखना
शव मिलने के पूर्व ही उपेंद्र के छोटे भाई शिवेंद्र ने अपनी चचेरी बहन को फोन पर कहा कि अपना व भाईयों का ख्याल रखना। इसके बाद घर के पास पेड़ में फांसी लगा लिया। बताया गया है कि दोनों भाईयों में गहरा प्रेम था तथा दोस्तों की तरह रहते थे। इस घटना के बाद परिवार में दुखों का पहाड़ टूट पड़ा, क्योंकि करीब 5-6 वर्ष पहले इनके पिता ओमप्रकाश मिश्रा जो पुलिस में थे, निधन हो गया था। इसके तीन साल बाद मां भी चल बसी। बहन की भी कुछ साल पहले ससुराल में मौत हो चुकी थी। अब परिवार में पुलिस आरक्षक सुदीप व सबसे बड़ा भाई संदीप एवं उनके दादा-दानी बचे हैं।
गांव में मातम पसरा
कुछ वर्षों के अंतराल में पहले माता-पिता की मौत हुई। इसके बाद बहन चल बसी और अब दो युवा भाईयों ने साथ छोड़ दिया। यह दर्दभरी दास्तां है गांव के मिश्रा परिवार में बचे दो भाई तथा बूढ़े दादा-दादी की। नए वर्ष का दूसरा दिन रविवार परिवार ही नहीं गांववालों को कभी न भूलने वाला दर्द दे गया, जिसमें दो युवा भाईयों की चिता एक साथ जली। यह मंजर देखकर हर किसी की आंखें नम हो गईं। पोस्टमार्टम उपरांत दोपहर बाद दोनों के शव जैसे ही गांव पहुंचे मातम पसर गया। दोनों का अंतिम संस्कार तालाब किनारे श्मशान घाट में किया गया।