90 प्रतिशत ग्राम पंचायत में इंटरनेट सेवा ठप , 2 करोड़ से अधिक का बिल बकाया

90 प्रतिशत ग्राम पंचायत में इंटरनेट सेवा ठप , 2 करोड़ से अधिक का बिल बकाया

Bhaskar Hindi
Update: 2017-11-20 11:44 GMT
90 प्रतिशत ग्राम पंचायत में इंटरनेट सेवा ठप , 2 करोड़ से अधिक का बिल बकाया

डिजिटल डेस्क, नागपुर। डिजिटल इंडिया का दावा 90 प्रतिशत गांवों की ठप इंटरनेट सेवा देख खोखला साबित हो रहा है। एक ओर जहां वाई-फाई सेवा से गांवों को शहरों से जोड़े जाने के दावे किए जा रहे हैं दूसरी ओर वहीं राज्य में प्रथम वाई-फाई सेवा का सम्मान प्राप्त करने वाले नागपुर जिले की 90 प्रतिशत ग्राम पंचायतों में वाई-फाई सेवा ठप हो गई है। इस तरह का संकट बकाए करोड़ों को बिल से गहराया है। बताया जा रहा है कि ग्राम पंचायतों पर 2 करोड़ से अधिक बिल बकाया होने से इंटरनेट सेवा बंद की गई है।

770 ग्राम पंचायतों को जोड़ा गया था वाईफाई से
डिजिटल इंडिया का नारा लगाकर सभी ग्राम पंचायतों में राज्य सरकार की ओर से वाईफाई सेवा शुरू करने का निर्णय लिया गया। सरकार की ओर से जिले की सभी 770 ग्राम पंचायतों में इंटरनेट कनेक्शन जोड़कर वाई-फाई सेवा शुरू की गई। बीएसएनएल और एक निजी टेलीकॉम कंपनी की ओर से कनेक्शन जोड़े गए। नागपुर जिले को राज्य में प्रथम वाई-फाई जिले का सम्मान प्राप्त हुआ। फाइबर ऑप्टिक लाइन भी बिछाई गई। शुरूआत के 6 महीने नि:शुल्क सेवा दी गई।

ऑनलाइन कामकाज भी हुआ ठप,कोस रही जनता
ग्राम पंचायत में वाई-फाई सेवा शुरू होने से परीक्षा के ऑनलाइन आवेदन, जमीन का सात-बारा तथा विविध प्रमाणपत्रों के लिए आवेदन, बिजली के बिलों का भुगतान करने की प्रक्रिया गांव से ही शुरू हो गई। छोटे-छोटे काम के लिए शहरों में जाने की आवश्यकता नहीं रहने से ग्रामीण जनता काफी खुश थी। उनकी खुशी अधिक समय तक नहीं टिक पाई। 6 महीने बाद ग्राम पंचायतों को इंटरनेट का बिल भेजने का सिलसिला शुरू हो गया। ग्राम पंचायताें के पास बिल का भुगतान करने के लिए निधि नहीं रहने से 90 प्रतिशत ग्राम पंचायतों का 2 करोड़ बिल बकाया हो गया। बिल नहीं मिलने से टेलीकॉम कंपनियों ने इंटरनेट सेवा बंद कर दी। गांवों में शुरू की गई वाईफाई सेवा निधि के अभाव में बंद होने से सरकार के डिजिटल इंडिया के सपने को करारा झटका लगा है।
 

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