कोरोना काल में छेड़छाड़ और दुष्कर्म का शिकार हुईं महिलाएं व युवतियां

कोरोना काल में छेड़छाड़ और दुष्कर्म का शिकार हुईं महिलाएं व युवतियां

Bhaskar Hindi
Update: 2020-11-01 16:50 GMT
कोरोना काल में छेड़छाड़ और दुष्कर्म का शिकार हुईं महिलाएं व युवतियां



डिजिटल डेस्क शहडोल। कोरोना काल में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में कोई कमी नहीं आई है, बल्कि छेड़छाड़ और दुष्कर्म जैसे अपराध बढ़ गए हैं। अप्रैल से सितंबर तक जिले में छेड़छाड़ के कुल 56 और दुष्कर्म के 47 प्रकरण दर्ज किए गए हैं। इसके अलावा दहेज प्रताडऩा के लिए 60 मामले दर्ज हुए हैं। हैरानी की बात है कि अप्रैल और मई में लॉकडाउन होने के बाद भी छेड़छाड़ और दुष्कर्म की दो दर्जन से अधिक घटनाएं हुई हैं।
    कोरोना संक्रमण के चलते 24 मार्च के बाद टोटल लॉकडाउन हो गया था। अप्रैल और मई में भी कुछ शर्तों के साथ लॉकडाउन जारी था। पुलिस सड़कों पर मुस्तैद थी, लेकिन अपराधियों पर इसका कोई असर नहीं हुआ। चोरी, नकबजनी, झपटमारी की घटनाएं तो बढ़ी हीं, महिलाओं अपराधों में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। अप्रैल मई में छेड़छाड़ के 11-11 तो दुष्कर्म के क्रमश: 3 और आठ मामले सामने आए। इसी तरह अप्रैल में दहेज प्रताडऩा के 9 तो मई में 12 मामले पंजीबद्ध हुए। वहीं पिछले वर्ष से तुलना करें तो गत वर्ष जनवरी से सितंबर तक दुष्कर्म के कुल 67 मामले पंजीबद्ध हुए थे। इस वर्ष 72 प्रकरण सामने आए हैं।
जिले में पिछले छह माह में महिला अपराध की स्थिति
अप्रैैल
छेड़छाड़    11
अपहरण    1
दुष्कृत्य    3
दहेज हत्या    1
दहेज प्रताडऩा    9
मई
छेड़छाड़    11
अपहरण    3
दुष्कृत्य    8
दहेज हत्या    0
दहेज प्रताडऩा    12
जून
छेड़छाड़    9
अपहरण    10
दुष्कृत्य    6
दहेज हत्या    1
दहेज प्रताडऩा    10
जुलाई
छेड़छाड़    11
अपहरण    9
दुष्कृत्य    7
दहेज हत्या    0
दहेज प्रताडऩा    9
अगस्त
छेड़छाड़    9
अपहरण    11
दुष्कृत्य    13
दहेज हत्या    3
दहेज प्रताडऩा    10
सितंबर
छेड़छाड़    5
अपहरण    9
दुष्कृत्य    10
दहेज हत्या    1
दहेज प्रताडऩा    10
दो माह तक स्थिति ठीक रही, जून से बढ़ गए अपहरण मामले
लॉकडाउन के दौरान दो माह तक जिले में अपहरण की घटनाओं में जरूर विराम लगा रहा, लेकिन जून माह से अपहरण के मामले भी बढ़ गए। जून में ही अपहरण के 10 मामले दर्ज किए गए। इसी तरह जुलाई में 9, अगस्त में 11 और सितंबर में अपहरण के कुल 9 मामले दर्ज किए गए हैं। लॉकडाउन के चलते अपहरण के मामलों में पिछले वर्ष की तुलना में कमी आई है। पिछले वर्ष जनवरी से सितंबर तक अपहरण के 169 मामले दर्ज किए गए थे। इस वर्ष इस अवधि में 96 प्रकरण ही दर्ज हुए हैं। इसी तरह दहेज हत्या के मामले भी घटे हैं। पिछले वर्ष इस अवधि में 9 दहेज हत्या हुई थीं। इस बार 7 मामले ही दर्ज किए गए हैं।
चोरी की घटनाओं में भी इजाफा
कोरोना काल में चोरी की घटनाओं में भी इजाफा हुआ है। आंकड़ों पर गौर करें तो इस वर्ष अप्रैल माह में जहां जिले में चोरी के 16 प्रकरण पंजीबद्ध हुए थे। वहीं सितंबर माह में पांच गुना अधिक 90 प्रकरण पंजीबद्ध किए गए हैं। इसी तरह अगस्त के चोरी के 93 मामले सामने आए। यानि जिले में प्रतिदिन औसतन तीन चोरियां हुई हैं। अभी भी चोरी की घटनाओं में कोई अंकुश नहीं लग सकात है। रोजाना जिले भर में दो-तीन चोरी की घटनाएं हो रही हैं। हर थाना क्षेत्र में प्रकरण दर्ज हो रहे हैं। चोर जेवर, नकदी के साथ-साथ खाने पीने के सामान और कपड़ों की चोरी कर रहे हैं। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि जिले में न सिर्फ चोर सक्रिय हैं बल्कि उनके हौसले बुलंद भी हैं।

 

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