नागपुर, पुणे, मुंबई, और नवी मुंबई को प्रदूषण मुक्त करने के लिए कार्य योजना हुई तैयार

नागपुर, पुणे, मुंबई, और नवी मुंबई को प्रदूषण मुक्त करने के लिए कार्य योजना हुई तैयार

Bhaskar Hindi
Update: 2019-07-09 15:02 GMT
नागपुर, पुणे, मुंबई, और नवी मुंबई को प्रदूषण मुक्त करने के लिए कार्य योजना हुई तैयार

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश के सबसे प्रदूषित 102 शहरों में से 80 शहरों को वायु प्रदूषण मुक्त करने के लिए विशेष कार्य योजना (एक्शन प्लान) तैयार कर ली गई है। इनमें महाराष्ट्र के चार बड़े शहर नागपुर, पुणे, मुंबई, और नवी मुंबई को शामिल किया गया है। केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर मंगलवार को मीडिया से बातचीत में बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की पोर्ट के अनुसार देश के 102 सबसे प्रदूषित शहरों के वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकार एक विशेष योजना ‘प्रदूषण पर नियंत्रण’ कार्यान्वित करने जा रही है। इस योजना के तहत इन शहरों को स्वच्छ और वहां के वायु प्रदूषण को कम किया जायेगा। मंत्री ने बताया कि इस नई योजना की घोषणा के साथ बजट में इसके लिए 460 करोड़ रुपये का अतिरिक्त फंड भी दिया गया है।

जावडेकर ने बताया कि शुरुआत में 80 शहरों को चुना गया है। इन शहरों को वायु प्रदूषण से मुक्त करने के लिए कार्य योजना बना ली गई है और इसे जल्द ही लॉन्च कर दिया जायेगा। गौरतलब है कि 102 सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में महाराष्ट्र के कुल 17 शहर है। इनमें नागपुर, अकोला, अमरावती, औरंगाबाद, बदलापुर, चंद्रपुर, जलगांव, कोल्हापुर, लातुर, मुंबई, नाशिक, नवी मुंबई, पुणे, सांगली, सोलापुर और उल्हासनगर का समावेश है। सरकार ने जिन 80 शहरों का एक्शन प्लान तैयार कर लिया है उसमें नागपुर सहित पुणे, मुंबई, और नवी मुंबई शामिल है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि इस विशेष कार्य योजना के तहत प्रदूषण फैलने के लिए कारक पहलुओं जैसे ठोस अपशिष्ट, वाहन प्रदूषण, औद्योगिक उत्सर्जन, धूल प्रबंधन आदि से निपटने के लिए शहरे के नागरिक प्रशासन को सहायता और विशेषज्ञता प्रदान की जायेगी

सिंचाई सुविधा के अभाव में 60 प्रतिशत कृषि मानसूनी वर्षा पर निर्भर

केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि भारत में सूखा एक वास्तविक समस्या है। देश के तकरीबन 60 प्रतिशत क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा ही उपलब्ध नही है। इसलिए किसानों को मानसूनी वर्षा पर निर्भर रहना पड़ता है। इसलिए हमे पानी का एक-एक कतरा बचाने की जरुरत है। लिहाजा लोगों से अपील है कि भूमि को क्षरण से बचाने के लिए पानी का कुशल उपयोग करें। मंत्रालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में उन्होने बताया कि इसके मद्देनजर धरती को बंजर होने से बचाने के लिए सिंतबर महीने में भारत में संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन आयोजित किया गया है। दिल्ली के नोएड़ा में आयोजित होने वाले इस सम्मेलन की मेजबानी भारत को मिली है। इसको लेकर आज मरुस्थलीकरण पर काम करने वाले संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन के कार्यकारी सचिव इब्राहिम थियाव के साथ इस संबंध में एक समझौता किया गया। इसमें 190 देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे।

Tags:    

Similar News