‘खतरों के खिलाड़ी’ बने मेट्रो के मजदूर

‘खतरों के खिलाड़ी’ बने मेट्रो के मजदूर

Tejinder Singh
Update: 2018-05-13 12:55 GMT
‘खतरों के खिलाड़ी’ बने मेट्रो के मजदूर

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  क्रेन उपलब्ध रहने के बाद भी मजदूरों को मेट्रो का काम जेसीबी पर चढ़कर करना पड़ रहा है। बिना सेफ्टी काम का नजारा तो आम है। वर्धा रोड पर कई जगहों पर बिना हेलमेट और बगैर सेफ्टी बेल्ट मजदूर ऊंचाई पर काम करते रहते हैं। मेट्रो कार्य के दौरान नियमों के उल्लंघन के कई मामले इसके पहले भी आ चुके हैं। कुछ दिन पहले मनपा का हिट एक्शन प्लान लागू होने के बाद भी मजदूरों को 40 फीट की ऊंचाई पर भरी दोपहर में काम करते पाया गया था।  

जेसीबी के गाले में खड़ा होकर काम
बर्डी से ऑटोमोटिव चौक के लिए मेट्रो का मार्ग बनाने का कार्य तेजी पर है। शुक्रवार को दोपहर 4 बजे एक मजदूर जेसीबी के गाले में चढ़ कर काम कर रहा था। आमतौर पर जेसीबी का गाला मिट्टी ढोने के काम आता है, लेकिन यहां एक मजदूर इस गाले में बैठाया गया। जेसीबी 25 फीट की ऊंचाई पर रूकी और फिर मजदूर खड़ा होकर काम करने लगा। 

सुरक्षा जरूरी, निकालेंगे हल
अखिलेश हडवे, डीजीएम कारपोरेट कम्युनिकेशन, महा मेट्रो का कहना है कि मजदूरों की सुरक्षा का ध्यान रखना जरूरी है। इस संबंध में हमारी ओर से संबंधित ठेकेदार आदि से जानकारी लेकर उचित हल निकाला जाएगा। 
 

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