इन युवाओं की पहल से बची BLUE WHALE गेम में फंसे युवक की जान

इन युवाओं की पहल से बची BLUE WHALE गेम में फंसे युवक की जान

Bhaskar Hindi
Update: 2017-09-09 08:10 GMT
इन युवाओं की पहल से बची BLUE WHALE गेम में फंसे युवक की जान

डिजिटल डेस्क,दमोह। युवाओं को अपने जाल में फंसा कर रहा सुसाइड के लिए मजबूर करने वाला ब्लू व्हेल गेम की वजह से पिछले दिनों जिले में एक छात्र ने सुसाइड कर लिया था। गेम की चपेट में आ चुके ऐसे ही एक युवक को कुछ जागरूक लोगों ने बचा लिया। युवक ने गेम की लिंक ढूंढने के लिए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाला था।

मामला जिले के घटेरा ग्राम का है। यहां रहने वाला रेयांश सोनी उर्फ शिवम सोनी उर्फ बिट्टू पॉलीटेक्निक कॉलेज में पढ़ता है। उसने फेसबुक पर एक पोस्ट कर लोगों से ब्लू व्हेल गेम की लिंक देने की अपील की थी। वहीं शिवम फेसबुक पर मरने से जुड़ी पोस्ट भी लगातार कर रहा था। पोस्ट को नगर के एक युवा अर्पित दुबे और उसके साथियों ने देखा तो उन्होंने शिवम सोनी का पता लगाने का प्रयास किया गया। इसी बीच शिवम उर्फ रेयांश से फेसबुक पर बात भी की गई जिसके बाद शिवम ने उनसे फेसबुक मेसेंजर पर मैसेज भेजकर अकेले मिलने की बात की गई।

इसके बाद इन युवाओं ने मामले के संबंध में कोतवाली थाने में जानकारी दी। जिस पर कोतवाली थाना प्रभारी ने उनसे उस युवक से मिलने और जानकारी लेने के लिए कहा। जब अर्पित दुबे व उसके साथी शिवम सोनी से मिले तो शिवम ने ब्लू व्हेल गेम से जुड़े होने और उसकी आईडी ब्लॉक होने की बात कही। जानकारी मिलने पर शिवम सोनी को कोतवाली ले जाकर पुलिस को पूरा मामला बताया गया और उसके बाद युवक के परिजनों को भी सारा मामला बताया गया। कोतवाली टीआई प्रदीप सोनी का कहना है कि युवक ने फेसबुक पर ब्लू व्हेल के संबंध में एक पोस्ट डाली थी, जिसे कुछ युवाओं ने पढ़कर पुलिस को जानकारी दी थी। युवक से जानकारी लेकर जांच की जा रही है। युवक शिवम को उसके परिजनों को सौंप दिया है। 

शिवम ने किए कई खुलासे
इस खेल को खेलने के लिए शिवम सोनी खासा परेशान था और वह इसके लिंक को तलाश करना चाहता था। इसी बीच शिवम ने अर्पित के मैसेंजर पर मैसेज कर कई बातें इस खेल के संबंध में बताईं। इसके अलावा मिलने पर भी उसने  खेल के संबंध में कई नकारात्मक बातें बताई। युवक शिवम सोनी ने अर्पित दुबे को मिलकर बताया कि उसे इस खेल से जुड़ने की लिंक सुबह 4 बजे अपने मेल एकाउंट के माध्यम से मिली थी और उस लिंक में बज रही म्यूजिक को सुनकर उसका उसे और सुनने का मन किया और वह कई दिन उस लिंक की तलाश करता रहा। बाद में उसने इस ध्यान से कि यह लिंक शायद सुबह 4 बजे मिलती है। शिवम ने इस खेल को खेलने और उसमें बजने वाले संगीत को पसंद होने की बात अन्य लोगों से कही। साथ ही इस खेल की लिंक लाखों लोगों में से किसी एक आईडी पर मिलने की बात बताई है। जो व्यक्ति उसे लिंक देता है उसे उसने बॉस कहकर संबोधित किया। 

देख रहा था डरावनी फिल्में
शिवम ने पिछले दिनों डरावनी और भीभत्स फिल्में देखने की बात बताई है। उसे घटेरा के रेल्वे ट्रेक पर बैठकर फिल्म फाइनल डेस्टीनेशन के 7 पार्ट देखने थे जिसमें वह 4 पार्ट देख भी चुका है। वहीं शिवम ने अर्पित व उसके साथियों को इस खेल में अन्य लोगों के फंसे होने की बात भी कही। 

नाम बदलकर रहता था शिवम
वहीं शिवम को फेसबुक के बाद जमीनी स्तर पर तलाश करना भी अर्पित दुबे व उसके दोस्तों को मुश्किल भरा काम था क्योंकि शिवम नगर की कई जगहों पर किराए के मकान में रहा था। तलाश करने में बात सामने आई कि वो अलग- अलग जगहों पर अपने नाम अलग-अलग बता रहा था। वहीं अर्पित दुबे व उसके साथियों को मिलने पर शिवम ने महाकाली चौराहा के समीप अपनी मौसी के पास रहने की बात रही थी। 

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