पन्ना: जैन मुनि की प्रेरणा से सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी ने बनाई गौशाला, सतना नाका स्थित पैलेस में किया था रात्रि विश्राम

  • जैन मुनि की प्रेरणा से सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी ने बनाई गौशाला
  • सतना नाका स्थित पैलेस में किया था रात्रि विश्राम

Sanjana Namdev
Update: 2024-04-23 07:55 GMT

डिजिटल डेस्क, पन्ना। हिन्दू धर्म की मान्यता अनुसार गाय को माता माना गया है। शास्त्रों के अनुसार गौसेवा को पुण्य का कार्य माना गया है। पहले के जमान में हर घर में लोग गाय को अपने घर में पालकर उसकी सेवा करते थे लेकिन आज के आपा-धापी व भागमभाग की जिंदगी में शहरी क्षेत्र के लोग गाय रखने में कोई रूचि न रखते हुए इसे बोझ समझते हैं। अभी भी ग्रामीण क्षेत्रों में गांव के परिवेश में रहने वाले ग्रामीण गाय को पाल रहे हैं और उनकी सेवा कर रहे हैं। दस माह पूर्व जैन मुनि के पन्ना आने पर उनकी प्रेरणा से एक सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी ने गौशाला बनाकर उसमें गाय रखकर उनकी सेवा की जा रही है। दस माह पूर्व मध्य प्रदेश के धार से चलकर विहार में निकले जैन मुनि विनम्र सागर जी महाराज अपने शिष्य मण्डल के साथ पन्ना पहुंचे जहां उनकी नजर वहीं पर सतना नाका स्थित सत्यम पैलेस पर पडी जहां के सौंदर्य व स्वछंद वातावरण को देख उन्होंने वहीं पर रात्रि विश्राम का निर्णय लिया तभी पैलेस के मालिक सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी पंडित सीताराम पटैरिया से चर्चा के दौरान कहा कि गाय को पालना और उसकी सेवा करना मनुष्य के लिए बडे ही पुण्य का कार्य है यदि आप यहां पर गौशाला बनाकर गायों को रखेंगे तो अति उत्तम रहेगा।

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श्री पटैरिया बतलाते हैं कि जैन संत के मुखारबिन्द से गौशाला बनाने की बात मेरे मन में लग गई और तभी से मैंने तय किया कि गौशाला में गायों को रखकर उनकी सेवा करना है। अभी अच्छे किस्म की गायों को रखा गया है जिनकी सेवा सुबह उठते ही वह कर रहे हैं। पूरे काम की देखभाल के लिए श्री पटैरिया द्वारा एक व्यक्ति को रखा गया है जो सुबह ७ बजे से शाम ७ बजे तक गायों की देखभाल करने का काम करता है। श्री पटैरिया बतलाते हैैं कि अभी टीनशेड के नीचे गायों को रखा जा रहा है। बहुत ही जल्द एक पक्की गौशाला का निर्माण कराया जायेगा। गाय का गोबर, दूध सभी उपयोगी हैं अभी पांच गाय हैं धीरे-धीरे उसको और बढाया जायेगा। श्री पटैरिया ने कहा कि जैन मुनि की ही प्रेरणा से हमने गाय पालकर उनकी सेवा शुरू की है। जिससे हमें आत्मिक शांति का एहसास हो रहा है। शहरवासियों के पास जिनके पास स्थान का अभाव नहीं हैं उनको भी अपने घर में एक गाय पालकर उसकी सेवा करना चाहिए और पुण्य लाभ अर्जित करना चाहिए।

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