पन्ना: टीबी की बीमारी से जूझ रहे जिला चिकित्सालय में भर्ती अनाथ भाई-बहिन

  • टीबी की बीमारी से जूझ रहे जिला चिकित्सालय में भर्ती अनाथ भाई-बहिन
  • पैसों के अभाव में नहीं मिल रहा था ब्लड
  • कलेक्टर ने दिए बेहतर उपचार के निर्देश

Sanjana Namdev
Update: 2024-05-06 07:41 GMT

डिजिटल डेस्क, पन्ना। पन्ना जिले की तहसील देवेन्द्रनगर अंतर्गत सकरिया निवासी तथा जिला चिकित्सालय पन्ना में भर्ती दो अनाथ भाई-बहिन पैसे के अभाव में सही न उपचार न मिलने के चलते जिंदगी और मौत से संघर्ष कर रहे हैं। जिला अस्पताल की भर्रेशाही का आलम यह है कि २२ दिनों से अस्पताल में भर्ती क्षय रोग तथा अन्य गंभीर बीमारियों से पीडित भाई की हालत सही उपचार न मिलने के चलते दिन प्रतिदिन बिगडती जा रही है। वहीं उसके साथ उसकी सेवा में लगी बहिन भी संक्रमित व बीमार हो गई जिसे अस्पताल में भर्ती कराना पडा किंतु पैसे के अभाव में खून न मिलने से उसकी हालत भी ठीक नहीं हैं।

यह भी पढ़े -संत शिरोमणि सेन जी महाराज की मनाई गई जयंती

बता दें कि सकरिया निवासी १९ वर्षीय राज तथा १६ वर्षीय सपना यादव के पिता रामस्वरूप यादव की दो वर्ष पूर्व सर्पदंश से मौत हो गई थी तत्पश्चात मां लक्ष्मी मेहनत-मजदूरी कर बच्चों को पाल रही थी। पति की मौत के कुछ माह बाद ही लक्ष्मी क्षय रोग से ग्रसित हो गई जिसे जिला अस्पताल पन्ना में भर्ती कराया गया। मां की सेवा में लगा बेटा राज भी क्षय रोग पीडित हो गया। जिला अस्पताल पन्ना में भर्ती दोनों मां-बेटे में से गत २९ मार्च २०२४ को मां की मौत हो गई। जिसकी तेरहवीं करने के बाद राज १४ अप्रैल को पुन: जिला अस्पताल के टीबी वार्ड में भर्ती हो गया जबकि उसका छोटा भाई अरूण बीमारी हालत में घर में पडा है। २२ दिनों से भाई राज की सेवा में टीबी वार्ड में साथ रह रही बहिन सपना भी संक्रमित हो गई। जिसकी हालत धीरे-धीरे बिगडने लगी तथा डॉक्टरों ने उसे तत्काल खून का प्रबंध करने की सलाह दी।

यह भी पढ़े -खरीदी केन्द्रों में रखा है हजारों क्विंटल गेंहू परिवहन की सुस्त चाल, बमुश्किल एक ट्रक पहुंचता है खरीदी केन्द्र में

चार हजार में दलालों से खरीदा खून

सपना की बिगडती हालत देख दोनों बीमार भाई-बहिन ने खून के लिए अस्पताल प्रबंधन सहित लोगों से बडी आरजू-मिन्नत की किंतु कोई परिणाम नहीं निकला। अंतत: राज ने अपनी बहिन की जान बचाने अपने मामा तथा कुछ अन्य परिचितों से कर्ज लेकर दलालों के माध्यम से चार हजार रूपए देकर एक यूनिट खून खरीदा किंतु पैसे के अभाव में खून की और व्यवस्था नहीं हो सकी। लिहाजा डॉक्टरों ने बीमारी हालत में ही गरीब बहिन की छुट्टी कर दी।

दिन-रात रोते हैं भाई-बहिन

एक-दूसरे से अत्याधिक प्रेम रखने वाले तथा गंभीर बीमारियों से ग्रसित दोनों भाई-बहिन एक माह पूर्व ही अस्पताल में दम तोड चुकी अपनी मां की याद करके दिन-रात रोते रहते हैं तथा दोनों एक ही बिस्तर में सोते तथा साथ खाते-पीते हैं। राज ने कहा कि यदि मेरी मौत भी जाये तो उसका डर नहीं हैं लेकिन मेरे बाद मेरी बहिन का विवाह कौन करेगा इस बात की चिंता सता रही है।

यह भी पढ़े -कोविशील्ड टीका लगवाने वाले व्यक्तियों का किया जाये नियमित स्वाथ्य परीक्षण एवं उपचार: राजेश दीक्षित

टीबी वार्ड के चिकित्सक का गैर जिम्मेदाराना रवैया

जिला चिकित्सालय के टीबी वार्ड में भर्ती मरीज बतलाते हैं कि यहां के प्रभारी चिकित्सक मरीजों के साथ सही व्यवहार नहीं करते हैं तथा मरीजों के द्वारा बीमारी के बारे में कोई भी बात पूंछने पर वह हमेशा चिडचिडाकर अनाप-शनाप जबाव देते हैं जिससे भर्ती मरीज परेशान व भयभीत नजर आ रहे हैं।

इनका कहना है

मैं स्वयं जाकर देख रहा हूं तथा रूपए लेकर ब्लड देने वाले व्यक्ति की जानकारी कर रहा हूं। जांच उपरांत उसके विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी।

डॉ. आलोक कुमार गुप्ता

सिविल सर्जन सह अस्पताल अधीक्षक जिला चिकित्सालय पन्ना

आपके द्वारा जो मामला संज्ञान में लाया गया है उसके संबध में तत्काल जिला अस्पताल के सिविल सर्जन से बात करके टीबी वार्ड में भर्ती दोनों अनाथ भाई-बहिन के बेहतर उपचार के निर्देश दिए गए हैं।

सुरेश कुमार

कलेक्टर पन्ना

Tags:    

Similar News