पन्ना: टीबी ने माँ की ली जान, बेटे की हालत भी नाजुक और बहन भी संक्रमित होकर बीमार

  • टीबी की बीमारी के चलते मां की हुई मौत
  • दूसरा भाई भी बीमार होकर जिला अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती
  • कलेक्टर से मिली पीड़ित बच्ची

Surbhit Singh
Update: 2024-05-08 13:02 GMT

डिजिटल डेस्क, पन्ना। पिता की काफी समय पहले सर्पदंश से मौत हो गई थी पिता रामस्वरूप यादव की मौत के बाद तीन बच्चों के लिए सहारा बनी माँ लक्ष्मी टीबी की बीमारी की चपेट में आ गई और दो माह पूर्व 29 मार्च को लक्ष्मी की मौत हो गई। टीबी की चपेट में आए सबसे बडे बेटे राज की हालत बीमारी से अधिक बिगड चुकी है। बेटी सपना जो टीबी से संक्रमित है हालत बिगडने पर अस्पताल में अपने भाई राज के साथ उपचार के लिए भर्ती हुई थी। खून की शरीर में अत्याधिक कमी के चलते खून की एक यूनिट पाने के लिए 4 हजार रूपए अनाथ बच्चों को देने पडे। सपना को एक यूनिट और अधिक ब्लड की जरूरत थी जिसकी व्यवस्था वह नहीं कर पाई तो अस्पताल से उसकी छुट्टी कर दी गई। इसके बाद भी बेटी सपना अस्पताल में गंभीर हालत में भर्ती अपने बडे भाई की देखरेख कर रही है इसी बीच उसका दूसरे भाई अरूण गोलू की तबीयत भी ज्यादा खराब हो गई जो कि जिला अस्पताल में अपने भाई राज के साथ उपचार के लिए भर्ती है। उनका इलाज करने वाले डॉक्टर को संदेह है कि गोलू भी टीबी की बीमारी के संक्रमण से बीमार हो गया है। अनाथ गरीब बच्चे खौफनाक बीमारी की चपेट में आकर उपचार के लिए संघर्ष कर रहे है। अनाथ दो भाईयों और एक बहिन के इन हालातों की जानकारी समाचार पत्र द्वारा प्रमुखता के साथ सामने लाई जा चुकी है इसके बाद अनाथ बच्चों की मदद के लिए कुछ नेक दिल इंसान तथा प्रशासन भी सामने आया है।

बीते दिवस जिला अस्पताल पहुंचकर कुछ लोगों ने बीमार भाई-बहिनों के लिए फल दिए तथा मदद करने का भरोसा दिलाया तो कुछ समाजसेवियों द्वारा आर्थिक रूप से मदद करते हुए 12 हजार 300 रूपए निजी तौर पर उपलब्ध कराई गई। जिला अस्पताल में अपने दो बीमार भाईयों की देखभाल में लगी सपना ने जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर जिले के संवेदनशील कलेक्टर सुरेश कुमार से मुलाकात की गई तथा एक आवेदन पत्र देकर दोनों भाईयों एवं स्वयं के उपचार के लिए मदद की मांग की गई। जिस पर कलेक्टर द्वारा रेडक्रास से त्वरित रूप से 5 हजार रूपए की सहायता राशि दिलाए जाने की सहमति दी गई साथ ही साथ उपचार व्यवस्था में सहयोग का भरोसा दिलाया गया है किन्तु जिस तरह से बडे भाई राज (घोषी) यादव की हालत है उसे देखने वाले चिकित्सकों का कहना है कि राज को टीबी का अधिक संक्रमण हो चुका है फेफडों के साथ ही टीबी हृदय तक पहुंच गई है तथा शरीर के अन्य अंगों पर भी प्रभाव हो रहा है ऐसे में उसे इलाज के लिए उच्च स्तर के अस्पताल में भेजना बेहतर है। इस संबध में उसे यह सलाह भी दी गई है किन्तु राज के बाहर जाने को लेकर समस्या यह है कि राज के साथ उसकी बहिन तथा भाई की हालत भी ठीक नहीं है। साथ ही साथ तीनों बच्चे इस रूप में सक्षम नही है कि वह उपचार के समय आवश्यक व्यवस्थाओं और स्थिति को समझ सके ऐसे में बेहतर होगा जिला प्रशासन बच्चों के सम्पूर्ण उपचार की मदद के लिए आगे आए जिससे इन तीनों बच्चो का जीवन सुरक्षित हो सके।

बीमार बच्चों के पास आयुष्मान कार्ड भी नहीं

टीबी की बीमारी से गंभीर रूप से भर्ती राज, उसकी बहिन सपना एवं भाई गोलू को खाने के लिए सरकारी राशन की दुकान से खाद्यान्न मिलता है। जिससे तीनों बच्चे अपना पेट भर पाते हैं। इस समय तीनों बच्चे अस्पताल में हैं और घर में ताला लगा हुआ है तीनों में से किसी का भी आयुष्मान कार्ड नहीं बना है। मां लक्ष्मी संबल योजना की हितग्राही थी जिसकी मौत के बाद अंत्येष्ठि सहायता की राशि भी बच्चों को नहीं मिल पाई है। बच्चों के संबध में जानकारी लगने पर जनपद पंचायत के सीईओ द्वारा गंभीरता दिखाते हुए ग्राम पंचायत के सचिव को अविलम्ब पांच हजार रूपए की अंत्येष्ठि सहायता राशि दिए जाने साथ ही साथ संबल योजना के अंतर्गत मृतिका के तीनों बच्चों को दो लाख रूपए की सहायता राशि दिए जाने की कार्यवाही के लिए निर्देश दिए गए। बच्चों के दस्तावेज भी सही नहीं हैं। माता-पिता के कुछ दस्तावेजों में नाम के साथ यादव तो बच्चों के दस्तावेजों में नाम के साथ घोषी शब्द जुडा हुआ है जिससे भी परेशानियां हो रहीं हैं। बच्ची सपना ने बताया कि वह कक्षा ५वीं तक ही स्कूल जा पाई हम लोग ठीक से पढ नहीं पाये हैं। जिसके चलते कैसे दस्तावेज बनने हैं और कैसे बनवाना है उनका क्या महत्व है इसकी जानकारी हमें नहीं हैं।

Tags:    

Similar News