वर्धा: कराले गुरुजी ने कहा - राजनीतिक रूप से लालची दिख रहे अमर काले, साधा निशाना

  • 11 बार विस की उम्मीदवारी देने पर भी लोकसभा पर किया दावा
  • शैलेष अग्रवाल ने भी निकाली भड़ास
  • आर्वी विधानसभा क्षेत्र में अमर काले पांच टर्म चुनाव लड़े हैं

Tejinder Singh
Update: 2024-03-27 12:53 GMT

डिजिटल डेस्क, वर्धा. महाविकास आघाडी के प्रचारक नीतेश कराले गुरुजी ने कहा कि वर्धा जिले के आर्वी विधानसभा क्षेत्र में अमर काले पांच टर्म चुनाव लड़े हैं। जिसमें वर्ष 1999 में वे विधायक चुने गए। वर्ष 2004 में अमर काले दोबारा विधायक के रूप में चुनकर आए थे तो वर्ष 2009 में वह पराजित हो गए। जिसके बाद वर्ष 2014 में अमर काले दोबारा चुनकर आए, जबकि 2019 में वे पराजित हो गए। उसी तरह उनके पिता स्व. डॉ. शरद काले 6 टर्म चुनाव लड़े हैं। इस तरह 11 बार विधानसभा की उम्मीदवारी देने भी इस बार लोकसभा पर दावा किया है। इससे अमर काले राजनीतिक रूप से लालची दिख रहे हैं, ऐसा आरोप महाविकास आघाड़ी के समर्थक नीतेश कराले गुरुजी व कांग्रेस के किसान नेता शैलेश अग्रवाल ने संयुक्त रूप में आयोजित पत्र परिषद में लगाया।

26 मार्च को दोपहर 12 बजे आयोजित पत्र परिषद में उन्होंने कहा कि एक बार भी सामान्य कार्यकर्ताओं को विधानसभा चुनाव का टिकट नहीं दिया गया। यह सर्वसामान्य कार्यकर्ताओं पर अन्याय है। उन्होंने कहा कि इस लोकसभा चुनाव में मैंने शरद पवार से मिलकर उम्मीदवारी मांगी है। किसी का नाम आते ही अमर काले लोकसभा चुनाव लडने के लिए तैयार हो गए। इस समय उन्होंने कांग्रेस व राकांपा शरद पवार गुट के परिवारवाद पर जोरदार प्रहार किया। इससे महाविकास आघाडी के नेताओ में टकराव सामने आ गया। जो राजनीतिक क्षेत्र में चर्चा का विषय बन रहा हैं। राष्ट्रवादी की उम्मीदवारी नीतेश कराले को लगभग तय मानी जा रही थी।

अपनी भूमिका स्पष्ट करें : अग्रवाल

शैलेष अग्रवाल ने कहा कि, वर्धा लोकसभा सीट से राकांपा के उम्मीदवार बननेवाले पूर्व विधायक अमर काले ने अपनी राजनीतिक भूमिका स्पष्ट करनी चाहिए। वर्धा लोकसभा सीट महाविकास आघाडी के राकांपा शरद पवार गुट की ओर गयी है। कांग्रेस के पूर्व विधायक अमर काले ने कांग्रेस से इस्तीफा नहीं दिया है तथा अभी तक राकांपा शरद पवार गुट में प्रवेश नहीं लिया है। मगर रविवार को वर्धा जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय में बैठक लेकर अमर काले ने राकांपा शरद पवार गुट से चुनाव की घोषणा कर दी। जिससे कांग्रेस व राकांपा कार्यकर्ताओ में भ्रम की स्थिति निर्माण हुई हैं।

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