हाथरस में आपराधिक साजिश के लिए वेबसाइट के खिलाफ ईडी दायर कर सकती है केस (आईएएनएस एक्सक्लूसिव)

हाथरस में आपराधिक साजिश के लिए वेबसाइट के खिलाफ ईडी दायर कर सकती है केस (आईएएनएस एक्सक्लूसिव)

IANS News
Update: 2020-10-06 04:30 GMT
हाथरस में आपराधिक साजिश के लिए वेबसाइट के खिलाफ ईडी दायर कर सकती है केस (आईएएनएस एक्सक्लूसिव)
हाईलाइट
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नई दिल्ली, 6 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) उत्तर प्रदेश में हाल ही में एक दलित लड़की की कथित रूप से दुष्कर्म के बाद हुई मौत के मामले में सांप्रदायिक हिंसा भड़काने के लिए एक वेबसाइट के खिलाफ हाथरस पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी की जांच कर रहा है।

शीर्ष सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि ईडी द्वारा धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत प्लेटफॉर्म कार्ड डॉट कॉम पर बनाई गई वेबसाइट जस्टिसफॉरहाथरस के खिलाफ मामला दर्ज किया जा सकता है, क्योंकि प्रारंभिक जांच में एक संदिग्ध संगठन द्वारा हिंसक विरोध प्रदर्शन के लिए वित्तीय मदद देने के संकेत मिले हैं।

उत्तर प्रदेश पुलिस ने हाथरस जिले के चंदपा पुलिस स्टेशन में आपराधिक साजिश और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2008 सहित 20 विभिन्न धाराओं के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की है।

पुलिस ने दावा किया कि हाथरस मामले में विरोध प्रदर्शन योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार को विदेशी लिंक के साथ वेबसाइट का इस्तेमाल कर अस्थिर करने के लिए किया गया।

प्राथमिकी में संदेह जताया गया कि राज्य भर में जाति-संबंधी हिंसा को भड़काने के लिए हाथरस की घटना से संबंधित फर्जी सूचना प्रसारित करने के लिए जस्टिस फॉर हाथरस नाम की एक वेबसाइट बनाई गई थी।

सूत्रों ने कहा कि वेबसाइट पर नजर रखने और कुछ संबंधित स्थानों पर छापेमारी के बाद, साइट निष्क्रिय हो गया और रातों रात गायब हो गया। हालांकि, कानून और व्यवस्था एजेंसियों ने वेबसाइट की सभी भड़काऊ सामग्री सुरक्षित कर ली है।

पुलिस ने कहा कि वेबसाइट ने हाथरस मामले पर देशव्यापी विरोध प्रदर्शन और पुलिस कार्रवाई से बचने के तरीकों के बारे में जानकारी साझा की।

सूत्रों ने कहा कि वेबसाइट का इस्तेमाल उसी तर्ज पर विदेशी फंड जुटाने के लिए एक मंच के रूप में किया गया था, जिस तरह से दिल्ली में सीएए विरोधी हिंसा के लिए किया गया था। उन्होंने कहा कि पीएफआई जैसे कट्टरपंथी चरमपंथी समूह इसके पीछे हो सकते हैं।

सूत्रों ने कहा कि एफआईआर धारा 153 ए और अन्य के तहत दायर की गई है जो पीएमएलए के तहत अनुसूचित अपराध हैं और इस अपराध को अंजाम देने के लिए इकट्ठा किए गए सभी पैसे ईडी द्वारा जब्त किए जाने के अधीन हैं।

ईडी विदेशी लिंक संबंधी पूछताछ करेगी और एकत्रित धन और उसके उपयोग के विवरण का भी पता डोमेन सर्वरों से लगाएगी।

सूत्रों ने कहा कि ईडी इस वेबसाइट द्वारा एकत्रित धन के अंतिम लाभार्थियों की भी जांच करेगा। सेवा प्रदाता (सर्विस प्रोवाइडर) से उस वेबसाइट के बारे में पूछताछ की जाएगी जिसने इसके पेज को होस्ट किया है क्योंकि इसका अनिवार्य रूप से आईपी एड्रेस रिकॉर्ड होना चाहिए जहां से वेब पेज लॉन्च किया गया था।

सूत्रों ने कहा कि ईडी को पहले आईपी रेजोल्यूशन और संदिग्धों के आईपीडीआर विश्लेषण के लिए सीईआरटी से ट्रैफिक एनालिसिस भी मिलेगा।

ईडी डोमेन या होस्ट खरीदने के लिए इस्तेमाल में लाए ईमेल आईडी की भी जांच करेगी ।

वीएवी-एसकेपी

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