Hathras case: इलाहाबाद हाईकोर्ट में पीड़ित परिवार ने दायर की याचिका, कहा- पुलिस -प्रशासन की बंदिशों के चलते घर में कैद, इसका हटना जरूरी

Hathras case: इलाहाबाद हाईकोर्ट में पीड़ित परिवार ने दायर की याचिका, कहा- पुलिस -प्रशासन की बंदिशों के चलते घर में कैद, इसका हटना जरूरी

Bhaskar Hindi
Update: 2020-10-08 07:22 GMT
Hathras case: इलाहाबाद हाईकोर्ट में पीड़ित परिवार ने दायर की याचिका, कहा- पुलिस -प्रशासन की बंदिशों के चलते घर में कैद, इसका हटना जरूरी

डिजिटल डेस्क, हाथरस। हाथरस गैंगरेप पीड़िता के परिवार के लिए सुरक्षा जी के जंजाल की तरह बन गई है। इसे लेकर पीड़िता के परिवार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की है। पीड़ित परिवार की तरफ से सामाजिक कार्यकर्ता सुरेंद्र कुमार की ओर से दाखिल अर्जी में कहा गया है कि पुलिस -प्रशासन की बंदिशों के चलते पीड़ित परिवार घर में कैद सा होकर रह गया है। तमाम लोग मिलने नहीं आ पा रहे हैं। परिवार किसी से खुलकर अपनी बात नहीं कह पा रहा है। अर्जी में कहा गया कि इंसाफ पाने के लिए पीड़ित परिवार से बंदिशें हटना जरूरी है। 

कड़ी सुरक्षा में पीड़िता का परिवार
बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने पीड़िता के परिवार की सुरक्षा कड़ी कर दी है। 29 सितंबर से परिवार घर में ही कैद है। पीड़ित के घर के बाहर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। अंदर जाने वालों को मेटल डिटेक्टर से होकर गुजरना पड़ रहा है। दरवाजे पर लोकल इंटेलीजेंस यूनिट का अफसरों को तैनात किया गया है। ये अफसर घर में आने-जाने वाले हर व्यक्ति का नाम नोट कर रहे हैं।  घर के भीतर भी सादी वर्दी में पुलिसकर्मी तैनात हैं। पुलिसकर्मियों के लिए घर के बाहर ही तंबू लगा गया है। उनके लिए अस्थाई शौचालय बनाए गए हैं। बाहर कुर्सी डाले एक तहसीलदार और एसडीएम बैठी हैं, जो परिवार की हर जरूरत का ध्यान रख रही हैं। गांव में अतिरिक्त फोर्स की तैनाती की गई है।

क्या है पूरा मामला?
आरोप है कि हाथरस के बूलगढ़ी गांव में 14 सितंबर को 4 लोगों ने 19 साल की लड़की से गैंगरेप किया था। आरोपियों ने लड़की की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी और उसकी जीभ भी काट दी थी। दिल्ली में इलाज के दौरान पीड़िता की मौत हो गई। इसके बाद चारों आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए। हालांकि, पुलिस का दावा है कि दुष्कर्म नहीं हुआ था। सियासी संग्राम के बीच योगी सरकार ने हाथरस गैंगरेप मामले की सीबीआई जांच के आदेश दे दिए। हालांकि पीड़िता के भाई ने कहा कि हम चाहते थे कि सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में मामले की जांच की जाए। वहीं, पीड़िता का रात में दाह संस्कार कराने को लेकर प्रशासन निशाने पर है। गैंगरेप की शिकार दलित लड़की के पिता हो या भाई, चाचा हो या कोई अन्य रिश्तेदार, सब एक सुर से पुलिस पर जबरन दाह संस्कार कराने का आरोप लगा रहे हैं।

आरोपी का दावा, पीड़िता के भाई, मां ने उसे मार डाला
हाथरस केस के चारों आरोपी संदीप, रामू, लवकुश और रवि ने SP को चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी में इन आरोपियों ने पीड़िता के परिवार पर ही सवाल उठाए हैं। मुख्य आरोपी संदीप ने पीड़िता के भाई और उसकी मां पर पीड़िता के साथ मारपीट करने और मौत का जिम्मेदार बताया। चिट्ठी में लिखा गया है कि संदीप की लड़की से दोस्ती थी और यह बात परिवार वालों को पसंद नहीं थी। इसी बात को लेकर उन्होंने पीड़िता की पिटाई की थी। चारों आरोपियों ने युवती की मां और भाई को दोषी बताया है। घटना वाले दिन के बारे में संदीप का कहना है कि वह उस दिन पीड़िता से मिलने खेत पर गया था लेकिन बाद वह पीड़िता के कहने पर घर वापस लौट आया था।

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