Hathras Case: हाईकोर्ट ने ADG से पूछा- अगर आपकी बेटी होती तो क्या आप बिना देखे अंतिम संस्कार होने देते?

Hathras Case: हाईकोर्ट ने ADG से पूछा- अगर आपकी बेटी होती तो क्या आप बिना देखे अंतिम संस्कार होने देते?

Bhaskar Hindi
Update: 2020-10-12 11:16 GMT
Hathras Case: हाईकोर्ट ने ADG से पूछा- अगर आपकी बेटी होती तो क्या आप बिना देखे अंतिम संस्कार होने देते?

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। हाथरस केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में सोमवार को सुनवाई हुई। दो जजों की बेंच के सामने पीड़ित परिवार ने सुनवाई के दौरान अपना पक्ष रखा। पीड़ित परिवार के 5 सदस्य सुनवाई में शामिल हुए। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से भी कई अधिकारी अदालत में मौजूद रहे। कोर्ट ने सभी परिवार के सदस्यों से बात की। पीड़ित परिवार का सबसे ज्यादा जोर इस बात पर रहा कि उनकी अनुमति के बिना पीड़िता का अंतिम संस्कार कैसे कर दिया गया? इस पर कोर्ट ने एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार से पूछा कि अगर आपकी बेटी होती तो क्या आप बिना देखे अंतिम संस्कार होने देते? एडीजी लॉ एंड ऑर्डर कोर्ट के इस सवाल पर चुप हो गए। वहीं पीड़िता के परिवार ने ये भी चिंता जाहिर की कि उन्हें आने वाले समय में किसी मामले में फसाया जा सकता है। अब 2 नवंबर को इस मामले की अगली सुनवाई होगी। बता दें कि अदालत की ओर से इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया गया है, जिसमें परिवार और सरकार का पक्ष पूछा गया था।

क्या है पूरा मामला?
आरोप है कि हाथरस के बूलगढ़ी गांव में 14 सितंबर को 4 लोगों ने 19 साल की लड़की से गैंगरेप किया था। आरोपियों ने लड़की की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी और उसकी जीभ भी काट दी थी। दिल्ली में इलाज के दौरान पीड़िता की मौत हो गई। इसके बाद चारों आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए। हालांकि, पुलिस का दावा है कि दुष्कर्म नहीं हुआ था। सियासी संग्राम के बीच योगी सरकार ने हाथरस गैंगरेप मामले की सीबीआई जांच के आदेश दे दिए। हालांकि पीड़िता के भाई ने कहा कि हम चाहते थे कि सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में मामले की जांच की जाए। वहीं, पीड़िता का रात में दाह संस्कार कराने को लेकर प्रशासन निशाने पर है। गैंगरेप की शिकार दलित लड़की के पिता हो या भाई, चाचा हो या कोई अन्य रिश्तेदार, सब एक सुर से पुलिस पर जबरन दाह संस्कार कराने का आरोप लगा रहे हैं।

आरोपी का दावा, पीड़िता के भाई, मां ने उसे मार डाला
हाथरस केस के चारों आरोपी संदीप, रामू, लवकुश और रवि ने SP को चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी में इन आरोपियों ने पीड़िता के परिवार पर ही सवाल उठाए हैं। मुख्य आरोपी संदीप ने पीड़िता के भाई और उसकी मां पर पीड़िता के साथ मारपीट करने और मौत का जिम्मेदार बताया। चिट्ठी में लिखा गया है कि संदीप की लड़की से दोस्ती थी और यह बात परिवार वालों को पसंद नहीं थी। इसी बात को लेकर उन्होंने पीड़िता की पिटाई की थी। चारों आरोपियों ने युवती की मां और भाई को दोषी बताया है। घटना वाले दिन के बारे में संदीप का कहना है कि वह उस दिन पीड़िता से मिलने खेत पर गया था लेकिन बाद वह पीड़िता के कहने पर घर वापस लौट आया था।

सीबीआई कर रही मामले की जांच
शनिवार को इस मामले को सीबीआई ने टेकओवर कर लिया। रविवार को सीबीआई ने मुख्य आरोपी संदीप के खिलाफ धारा 307, 376 डी, 302, एससी/एसटी ऐक्ट की धारा 3 केस दर्ज कर लिया है। 3 अक्टूबर को सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी और डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने हाथरस में पहुंचकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की थी। इसके बाद सीबीआई जांच की सिफारिश की गई थी। सीबीआई ने केस की जांच के लिए एक स्पेशल टीम का गठन किया है। केस की जांच पहले उत्तर प्रदेश पुलिस कर रही थी।

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