एक शख्स ने अपनी पत्नी और दो बेटियों की हत्या कर खुद की जान ली

तमिलनाडु एक शख्स ने अपनी पत्नी और दो बेटियों की हत्या कर खुद की जान ली

IANS News
Update: 2022-02-19 07:00 GMT
एक शख्स ने अपनी पत्नी और दो बेटियों की हत्या कर खुद की जान ली
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  • तमिलनाडु: एक शख्स ने अपनी पत्नी और दो बेटियों की हत्या कर खुद की जान ली

डिजिटल डेस्क, चेन्नई। तमिलनाडु के नागपट्टिनम में एक चाय की दुकान के मालिक ने अपनी पत्नी और दो छोटी बेटियों की हत्या करने के बाद आत्महत्या कर ली। यह घटना शुक्रवार सुबह की है। पुलिस ने कहा कि के लक्ष्मण (55) ने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि उनकी बड़ी बेटी ने एक दलित व्यक्ति से शादी की है। लक्ष्मणन नागपट्टिनम के किलवेलूर ब्लॉक के पुथुचेरी गांव के रहने वाले थे। वह अपनी पत्नी भुवनेश्वरी (46) और तीन बेटियों थानालक्ष्मी (21), विनोथिनी 18 और अक्षया (15) के साथ गांव में रहते थे।

उनकी सबसे बड़ी बेटी, थानालक्ष्मी ने लक्ष्मणन की इच्छा के खिलाफ उसी गांव के विमलराज के एक दलित युवक से शादी कर ली। वह अपने पति के साथ गांव के दूसरे हिस्से में रह रही थी, जिसने लक्ष्मणन परेशान था। पुलिस ने बताया कि लक्ष्मणन ने गुरुवार देर रात अपनी पत्नी भुवनेश्वरी और दो छोटी बेटियों विनोथिनी और अक्षया के सिर पर पत्थर से हमला किया और बाद में आत्महत्या कर ली।

शुक्रवार की सुबह जब लोग उसकी चाय की दुकान पर गए तो वह बंद थी और दुकान से सटे उनके घर का निरीक्षण करने पर उन्होंने देखा कि उनकी पत्नी और बच्चे खून से लथपथ पड़े हैं और लक्ष्मणन पास में ही लटका हुआ है। इस मौके पर पहुंची पुलिस ने शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए नागपट्टिनम सरकारी सामान्य अस्पताल भेज दिया। फोरेंसिक टीम और खोजी कुत्तों को यह पता लगाने के लिए काम पर लगाया गया कि क्या कोई अन्य बाहरी हस्तक्षेप हुआ है।

ट्रिपल मर्डर और लक्ष्मणन की आत्महत्या से क्षेत्र में तनाव पैदा हो गया और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए भारी संख्या में पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है। इन क्षेत्रों में जाति-संबंधी हत्याएं बड़े पैमाने पर हुई और ओबीसी या उच्च जाति के हिंदू परिवार की लड़की का दलित से विवाह करना ऐसी हत्याओं का एक प्रमुख कारण है।

सामाजिक वैज्ञानिक और नागपट्टिनम गवर्नमेंट कॉलेज के प्रोफेसर एम. जयकुमारी ने आईएएनएस को बताया, तमिलनाडु के कई गांवों में जाति एक प्रमुख कारक है और लोग इस वजह से अपनी जान लेते हैं और जाति के लिए दूसरों को मारते हैं। हालांकि इसे रोकने के कई प्रयासों के परिणाम सामने आए हैं, फिर भी बहुत से लोग जाति कारक को ध्यान में रखते हैं और अगर उनकी बेटी या बेटे दलित से शादी करते हैं तो वे समझौता नहीं करते हैं। इसे बदलना होगा और सरकार के अलावा, सामाजिक और राजनीतिक संगठनों को इसे पूरी तरह से कम करने की पहल करनी होगी।

आईएएनएस

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